⭕ साक्षरता इंसान के जीवन को आकार देने के साथ ही उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाता है- डॉ0 संजय गुप्ता।
कोरबा, 10 सितंबर (वेदांत सामाचार)। दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विश्व साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन किए गए।इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने विभिन्न स्लोगन एवं आकर्षक पोस्टरों के माधयम से साक्षरता के महत्व का संदेश दिया।किसी ने पूरी पृथ्वी को एक श्वेत पत्र में आकार देकर कलम और कागज के सामंजस्य से साक्षरता का प्रेरक संदेश दिया तो कोई विश्व को आकार देकर साक्षरता की अलख जगाता नजर आया।इंछस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने अनेक आकर्षक चित्रों के माध्यम से साक्षरता का महत्व बताने का प्रयास किया। कक्षा शिक्षक और शिक्षिकाओं ने भी अपन-अपनी कक्षओं में विद्यार्थियों को शिक्षा एवं साक्षरता के महत्व सें अवगत कराया।
प्राचार्य डॉ0 संजय गुप्ता ने कहा कि यदि हम शिक्षित होंगे तभी हम देश व समाज की प्रगति में अपन योगदान दे सकते हैं।खासकर पुरुषों के साक ही साथ महिलाओं का साक्षर होना परम आवश्यक है क्योंकि एक शिक्षित महिला आसानी से देश व समाज को शिक्षित कर उन्नति की राह में अग्रसर कर सकती है।आज हमें जरुरत है कि हम उच्च् शिक्षा से भी पहले प्राथमिक शिक्षा को महत्व दें क्योंकि जब पेड़ को जड़ से सींचा जाएगा तभी पेड़ फलेगा-फूलेगा।नई पीढ़ी को प्रेरित करने से ही हम विश्व से निरक्षता व अज्ञान से भावी पीढ़ी को सुरक्षित रख सकते हैं।जब तक देश की अधिकांश आबादी साक्षर नहीं होगी तब तक गरीबी,अंधविश्वास,लिंग भेद,जनसंख्या बढ़ोतरी जैसी सीमाजिक समस्याओं से पार पाना असंभव है। साक्षरता में वह क्षमता है जो किसी भी राष्ट्र के विकास में सहायक है।एक रूवक्ति का शिक्षित होना उसके स्वयं का विकास है,वहीं एक बालिका शिक्षित होकर पूरे घर को संवार सकती है।साक्षरता इंसान के जीवन को आकार देने के साथ ही उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाता है।
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