रायपुर, 08 सितंबर (वेदांत सामाचार)। वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी 11 अगस्त से नियमितीकरण, स्थायीकरण, कार्यभारित आकस्मिकता सेवा निधि नियम लागु करने के मांग सहित अन्य 06 मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल में बैठे हुए है!
वन मंत्री केदार कश्यप जी के द्वारा किसी प्रकार के पहल नही किया जा रहा है जबकी, सत्ता में आने पूर्व इन्ही कर्मचारियों के मंच में जाकर नियमितीकरण .स्थायीकरण के मांग को घोषणा पत्र में रखने व सरकार बनने पर 100 के भीतर कमेटी गठन कर निर्णय लिये जाने का वादा किया हुआ था लेकिन 200 दिन से उपर बितने जा रहा है किसी प्रकार का कोई निर्णय नही लिया जा रहा है मोदी की गारंटी फैल नजर होते हुए दिख रहा है! मोदी की गारंटी पर विश्वास करके दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था लेकिन आज दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के परिवार जो है दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सुनाने लगे है और ये कह रहे है कि बिना सफलता हासिल किये बगैर घर वापस मत आना जरूरत पड़े तो हम बाल बच्चे लेकर सब जायेगें , दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अब धर्म संकट में फंसे हुये है सरकार के को देखे या परिवार को बिना आदेश लिये अब हटने वाले नही है!
सामने जिला पंचायत, जनपत पंचायत, ग्राम पंचायत का चुनाव है जिसमें निचले स्तर के भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं को सुनना पड़ेगा क्योंकि किस चेहरे को लेकर जायेंगें वोट मांगने मोदी की गारंटी सामने आयेगा जिससे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की परिवार जो है तिखी प्रहार करेंगा!
वर्तमान के उप मुख्य मंत्री अरूण साव, विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी जी भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मंच में गया था जब विपक्ष में रहे तो और घोषणा करके आया था, उसी के वादा को याद दिलाने के वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी तुता धरना स्थल में डंटे हुए है!
वन मंत्री जी के उपर भरोसा जताते हुए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, वाहन चालक, कम्प्युटर आपरेटर, कार्यालय सहायक, तेन्दुपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिक, सुरक्षा श्रमिक लोग अनिश्चित कालीन हड़ताल में बैठे हुए है, उप मुख्य मंत्री विजय शर्मा जी, उप मुख्य मंत्री अरूण साव जी से मुलाकात किये है जिनके द्वारा मांग पूर्ण करने का आश्वासन भी मिला है!
दुर्ग संभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी व प्रदेश पदाधिकारियों ने जन घोषणा पत्र समिति के संयोजक विजय बघेल जी से मुलाकात किया है जिन्होने कहा कि मोदी की गारंटी है आज तक निर्णय ले लिया जाना था किन्तु क्यों नही ले रहे है समझ से परे है! मैं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण, स्थायीकरण, कार्यभारित सेवा नियम के लिये वन मंत्री ऐर मुख्य मंत्री जी को पत्र लिखुंगा कहा है और मोदी गारंटी पुरा नही किया जाता है तो मैं समय आने पर मैं स्वयं धरने पर बैठुंगा कहा गया है!
वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में तीन लोगों का निधन हो चुका है, उसके बलिदान को ब्यर्थ जाने नही देंगें इस ईरादे के सांथ दैनिक वेतन भोगी, वाहन चालक, कार्यालय सहायक, दैनिक श्रमिक, सुरक्षा श्रमिक लोग धरना में डंट हुए है, प्रधान मुख्य वन संरक्षक शासन को प्रस्ताव भेज ही नही रहे है तो शासन निर्णय लेगा कैसे, संगठन ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अपर प्रमुख सचिव, वन मंत्री से अपेक्षा लेकर 29 दिनो से हड़ताल में बैठे है सब कर्मचारी!
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