कुमकी हाथी के जाने के बाद छाता जंगल से निकला लोनर हाथी, मवेशी को उतारा मौत के घाट

कोरबा, 27 अगस्त। पड़ोसी जिले के पंतोरा-खिसोरा क्षेत्र के छाता जंगल में छिपा लोनर हाथी जंगल से बाहर निकलने के बाद फिर सक्रिय हो गया है। लोनर हाथी ने बीती रात उत्पात मचाते हुए विजय लहरे नामक एक ग्रामीण के बाड़ी में लगे गन्ने को खा लिया। वहीं अन्य फसल को रौंदते हुए नवापारा पहुंचकर एक दुधारू पशु को कुचल दिया, जिससे उसके प्राण-पखेरू उड़ गए। लोनर हाथी द्वारा फिर उत्पात मचाए जाने से क्षेत्र के ग्रामीण काफी दहशत में हैं।

जानकारी के अनुसार लगभग दो सप्ताह से जांजगीर-चांपा जिले के छाता जंगल में डेरा डालने के बाद प्रशिक्षित हाथी कुमकी को देखकर छिपा लोनर हाथी जंगल से बाहर निकल आया और बिजली ऑफिस के पास से गुजरते हुए विजय लहरे नामक ग्रामीण के बाड़ी में घुसकर गन्नों को खा लिया। वहीं खेतों में लगे फसल को रौंदते हुए नवापारा क्षेत्र में दाखिल हुआ, जहां एक दुधारू पशु से उसका सामना हो गया। उसको देख वह आक्रोशित हो गया और उसे सूंड से उठाकर पटकने के साथ पैरों से कुचल दिया जिससे उसकी तत्काल मौके पर मौत हो गई।

बताया जाता है कि इस दौरान हाथी 11केवी तार की चपेट में आने से भी बाल-बाल बच गया। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक नवापारा क्षेत्र में लोनर हाथी रात भर जंगल में उत्पात मचाने के बाद फिर से उमरेली तालाब के पास आ गया है जिसकी निगरानी अमले द्वारा की जा रही है। हाथी के उतरदा क्षेत्र में पहुंचने की भी संभावना बनी हुई है। इसे देखते हुए संबंधित वन अमले को सूचित किया गया है। वन अमला क्षेत्र में पहुंचकर मुनादी कराने के काम में जुट गया है। लोनर हाथी के एक बार फिर आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचने से ग्रामीणों में भय का वातावरण व्याप्त हो गया है।

लोनर हाथी ने पखवाड़े भर पूर्व कोरबा जिले के ग्राम रलिया व खैरभवना में पहुंचकर तीन महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया था। वन विभाग द्वारा खदेड़े जाने पर ग्राम पंतोरा पहुंचा और यहां के छाता जंगल में डेरा डाल दिया। लोनर हाथी के हिंसक हो जाने पर इस पर नियंत्रण के लिए वन विभाग द्वारा प्रशिक्षित राजू नामक कुमकी हाथी को बुलाया गया था। कुमकी हाथी को लेकर महावत ग्राम पंतोरा क्षेत्र में पहुंचे थे और लोनर को नियंत्रित करने के लिए उसे जंगल में उतारा था, जहां दो-तीन बार सामना होने के बाद लोनर उसे देखकर भागने के साथ जंगल में जाकर ओझल हो गया था।

कई दिनों तक बिलासपुर, चांपा-जांजगीर व कोरबा जिले के वन अमले ने इसकी ट्रैकिंग करने की कोशिश की और पता लगाने का प्रयास भी किया, लेकिन लोनर का लोकेशन नहीं मिलने पर आगे की कार्यवाही नहीं हो सकी। बाद में अमले के साथ कुमकी हाथी भी वापस लौट गया। कुमकी हाथी के लौटने के तीन-चार दिनों बाद लोनर फिर से सक्रिय हो गया है जिससे एक बार फिर खतरा बढ़ गया है।

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