अतिथि शिक्षकों की 6वीं बार फिर बढ़ाई ज्वाइनिंग की डेट: स्कोर कार्ड से गायब हुए 25 नंबर, क्या हजारों अतिथियों की नौकरी पर खतरा?

मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग हो ही नहीं पा रही है। शैक्षणिक सत्र को शुरु हुए ढाई महीने का समय हो गया है, लेकिन विभाग सरकारी स्कूलों में खाली पड़े हजारों पदों पर अतिथियों की भर्ती ही नहीं कर पा रहा है।

6वीं बार फिर अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग डेट बढ़ा दी है। अब अतिथि 28 अगस्त तक स्कूलों में अपनी ज्वाइनिंग दे सकेंगे।

स्कोर कार्ड से गायब हुए 25 नंबर

अतिथियों की भर्ती स्कोर कार्ड में मिले अंक के आधार पर होती है। ये अंक योग्यता के आधार पर दिये जाते हैं। शैक्षणिक सत्र 2018-19 में जो अतिथि शिक्षक कार्यरत थे, उन्हें 25 अंक बोनस के मिलते हैं।

25 अगस्त की देर रात ये अंक पोर्टल से हटा दिये गए। यानी इन हजारों अतिथि शिक्षकों के स्कोर कार्ड से अचानक 25 नंबर कम हो गए। इससे इनकी वरीयता पर असर पड़ेगा। कुछ की ज्वाइनिंग भी नहीं हो पाएगी।

भर्ती में अंक दिये जाने की उठी मांग

सैंकड़ों ऐसे अतिथि शिक्षक भी हैं जिन्हे वर्ग 1 यानी उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 से उम्मीदें हैं। इन अतिथियों का कहना है कि जो बोनस अंक अतिथि की भर्ती में हटाए हैं, विभाग इसका लाभ उन्हें सीधी भर्ती में दे दें।

अभी जो होरीजोनटल आरक्षण मिल रहा है उसमें अतिथियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसके वे हकदार हैं।

इस बार स्थिति ज्यादा चिंताजनक

बीते शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों की कमी से बोर्ड कक्षाओं का रिजल्ट बिगड़ा। उम्मीद थी कि इससे सीख लेकर इस बार शिक्षकों के मामले में स्थिति बेहतर होगी, लेकिन इसके उलट पूरी तरह से खिचड़ी मच गई है।

नई भर्ती से अतिथि शिक्षकों के पद खत्म कर दिये हैं, लेकिन भर्ती से चयनित शिक्षक कब तक ज्वाइन करेंगे इसका कुछ अता पता नहीं है। प्रमोशन से जो पद खाली हुए हैं, उससे भी दिक्कत हुई है। संभावित ट्रांसफर के बाद हालात बिगड़ेंगे वो तो अलग ही है।

13 हजार अतिथि पहले ही हो गए बाहर

बोर्ड रिजल्ट खराब होने के बाद शासन ने ये स्पष्ट कर दिया था कि 30% भी रिजल्ट नहीं देने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा नहीं रखा जाएगा।

इससे 13 हजार अतिथियों की नौकरी पहले ही जा चुकी है। ये बात और है कि उन्हें पढ़ाने के लिये स्कूलों में कितना समय मिला, ये अलग मुद्दा है।

अनुभवी अतिथि शिक्षकों को मिले प्राथमिकता

भर्ती, प्रमोशन और ट्रांसफर के कारण कई अनुभवी अतिथियों की नौकरी या तो जा चुकी है या जाने वाली है।

अतिथि शिक्षक समन्वय समिति ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को एक पत्र सौंपकर अनुभवी अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों पर भर्ती में प्राथमिकता दिये जाने की मांग की है।

अतिथि शिक्षकों की ये है मांगें

  1. खाली पदों पर अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति के आदेश तत्काल जारी हों।
  2. अनुभव-वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित कर नियमित शिक्षक बनाया जाए।
  3. अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथियों का पूरे एक साल का अनुबंध किया जाए।
  4. शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण और हर साल 4 अंक या अधिकतम 20 अंक बोनस दिया जाए।
  5. महीने की निश्चित तारीख को अतिथि शिक्षकों को मानदेय देने का आदेश जारी किया जाए।

अतिथियों के सामने प्रदर्शन को लेकर ये चुनौती

ऐसा नहीं है कि विभाग की ओर से अब तक किसी भी अतिथि को ज्वाइन नहीं कराया है। बल्कि ये प्रक्रिया 1 अगस्त से निरंतर जारी है। ऐसे में हजारों अतिथि स्कूलों में अपनी आमद दे चुके हैं।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या स्कूलों में ज्वाइन कर चुके अतिथि 2 और 5 सितंबर को होने वाले आंदोलन (MP Guest Teacher Protest) का हिस्सा बनेंगे?

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