Korba News : प्रधानपाठक प्राथमिक शाला में 166 को मिली पोस्टिंग, महचाहा स्थान नहीं मिलने से 27 ने पदोन्नति से किया इंकार…मीडिया को अनभिज्ञ रखने से पारदर्शिता पर उठे सवाल…

कोरबा, 18 अगस्त। जिले में प्रधानपाठक प्राथमिक शाला के रिक्त 217 पदों पर पदस्थापना के लिए सहायक शिक्षक से पदोन्नत प्रधानपाठकों की कलेक्टोरेट स्थित नवीन सभागार में काउंसलिंग आयोजित की गई । जिसमें 193 उपस्थित रहे 24 अनुपस्थित रहे। उपस्थित 193 पदोन्नत सहायक शिक्षकों में से 166 ने मनचाहा स्थान मिलने पर सहमति जताई जिससे मौके पर ही चयनित संस्था में उनका पदांकन कर दिया। 27 ने उचित स्थान नहीं मिलने पर पदोन्नति लेने से इंकार कर दिया जनसंपर्क के माध्यम से शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग शांतिपूर्ण निर्विवाद ढंग से संपन्न होने का दावा किया है ,लेकिन काउंसलिंग की पूर्व सूचना जनसंपर्क के माध्यम से नहीं दिए जाने पर मीडिया को काउंसलिंग के कवरेज से वंचित रखा जाना प्रतीत हो रहा है। शिक्षा विभाग की इस मनमाने कार्यशैली पर सवाल उठ रहे।

जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार काउंसलिंग समिति के अध्यक्ष डिप्टी कलेक्टर टी.आर. भारद्वाज ,सदस्य सचिव डीईओ टी. पी. उपाध्याय ,बीईओ कोरबा संदीप पांडेय समेत सदस्यों की मौजूदगी में संपन्न हुआ। काउंसलिंग में यह दावा किया गया है कि शिक्षक -शिक्षिकाओं ने किसी भी तरह का असंतोष व्यक्त नहीं किया गया। इन दावों में कितना विश्वास व सच्चाई है इसका आने वाले दिनों में पता चल जाएगा।लेकिन जिस तरह इतनी बड़ी काउंसलिंग की पूर्व सूचना जनसंपर्क के माध्यम से मीडिया को नहीं दिया जाना कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि मीडिया को काउंसलिंग से दूर रखी गई है। गौरतलब गत वर्ष हुए इसी तरह की काउंसलिंग में अनियमितता नियमों की अनदेखी के आरोप लगे थे।पदोन्नत प्रधानपाठकों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन शासन तक की है। मीडिया के माध्यम से काउंसलिंग प्रक्रिया में विसंगति सामने आने पर कुछ का निराकरण काउंसलिंग के दौरान ही कर दिया गया,लेकिन कईयों को न्याय नहीं मिला।बुझे मन से उन्हें पात्र होते हुए भी दूर के सुविधाविहीन स्कूलों को चुनना पड़ा । शायद यही वजह है कि इस बार मीडिया को काउंसलिंग से दूर रखने शिक्षा विभाग ने जनसंपर्क के माध्यम से कोई सूचना प्रसारित नहीं कराई।जबकि कायदे से अवकाश दिवस के दिन आयोजित इस प्रक्रिया की पूर्व सूचना लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ तक पहुंचाकर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखना था।

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