चंडीगढ़,18 अगस्त (वेदांत समाचार)। कैथल से जननायक जनता पार्टी के नेता पालाराम सैनी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने जजपा पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। आज मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मेरे साथी नेताओं ने मुझ पर दबाव बनाया। जजपा के जिला अध्यक्ष रणदीप कौल ने चुनाव के दौरान पार्टी और मेरा साथ नहीं दिया। अपने साथियों और कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा करने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।
2019 में 10 विधायकों के साथ किंगमेकर बनी थी पार्टी
विधानसभा चुनाव से डेढ़ महीना पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) में विधायकों के इस्तीफे की झड़ी लग गई है। उकलाना से विधायक अनूप धानक, टोहाना से देवेंद्र बबली, गुहला चीका से ईश्वर सिंह व शाहबाद से रामकरण काला ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें धानक व बबली तो पांच साल तक भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के मंत्री भी रह चुके हैं। जजपा के दो विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा व जोगी राम सिहाग पहले से भाजपा के संपर्क में हैं।
चारों विधायकों ने पार्टी छोड़ने के बाद यह खुलासा नहीं किया कि वह किस दल में जा रहे हैं, लेकिन चर्चा है कि तीन विधायक कांग्रेस व एक भाजपा का दामन थाम सकता है। इसी साल भाजपा से अलग होते ही जजपा के सामने बड़ा संकट आ खड़ा हो गया। लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी के विधायकों ने बगावत कर दी थी। इन विधायकों ने पार्टी की मीटिंग व प्रेसवार्ता तक में जाना छोड़ दिया था। उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बगावती तेवर अपनाने वाले यह विधायक कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
लोकसभा चुनाव में दो विधायकों ने भाजपा के पक्ष में किया था प्रचार
विधायक जोगी राम सिहाग व राम निवास तो खुलकर भाजपा के समर्थन में आ गए हैं। लोकसभा चुनाव में उन्होंने खुलकर भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था। हालांकि पार्टी से इन लोगों ने अभी इस्तीफा नहीं दिया गया, मगर पार्टी इन्हें कार्यक्रमों में नहीं बुलाती है। चर्चा है कि भाजपा जजपा के दोनों बगावती विधायकों को टिकट दे सकती है।
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