छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से एक सनसनीखेज मामला सामने आया हैं। दरअसल, यहां इलाज के बाद एक स्कूली छात्रा की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि डॉक्टर गांव में क्लीनिक खोलकर लोगों का इलाज करता था। इस बीच एक छात्रा की तबीयत खराब होने के बाद वो डॉक्टर प्रदीप जयसवाल के पास पहुंची जोकि मूल रूप से गांव का शिक्षक है। जिसके बाद छात्रा की गलत इलाज के बाद उसकी मौत हो गई।
दरअसल मरवाही के बहरीझोरखी की रहने वाली आठवीं कक्षा की छात्रा कु उमा गोंड़ की तबीयत 19 जुलाई को खराब होने पर निमधा गांव में एक शिक्षक प्रदीप जायसवाल जोकि लोगों का इलाज भी करता है, मृतिका के माता ,पिता ईलाज कराने ड.प्रदीप जायसवाल के क्लिनिक निमधा सुबह लेकर गये थे, जो उपचार किया दवाईयां दिए, दो बाटल ग्लूकोज चढाया और कुछ दवाईया लिखकर घर भेज दिया था।
पर्ची में लिखे और बताए अनुसार दवाई दोपहर में घर में खाने के बाद तबियत सुधरने के बजाए बिगड़ने पर मृतिका को सीएचसी मरवाही में शाम को लाकर भर्ती कराया गया था जो कुछ देर उपरांत उसकी मृत्यु हो गई। डा. द्वारा दिए गए दवाईयों के गुण और दोष के संबंध में पत्र लिखकर पीएम करने वाले चिकित्सक डॉक्टर हरिओम गुप्ता सीएचसी मरवाही से क्यूरी कराया गया। जिसने गलत तरीके से इलाज की पुष्टि भी किया।
बताया जा रहा है कि प्रदीप जायसवाल गांव में ही बालक प्राथमिक शाला में शिक्षक है और प्राईवेट क्लीनिक चलाता है। इस मामलें के सामने आने के बाद जिला प्रशासन की टीम ने 24 जुलाई को वर्षा जायसवाल मेडिकल और क्लीनिक को सील कर दिया था और अब आरोपी प्रदीप जायसवाल के खिलाफ बीएनएस एक्ट की धारा 106—1 के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है वहीं शिक्षा विभाग की ओर से इस मामले के सामने आने के बाद भी आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गयी है।
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