मोदी सरकार 3.0 कल लोकसभा में एक बड़ा बिल पेश कर सकती है. सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार कल ही लोकसभा में वक्फ बोर्ड से जुड़ा बिल पेश करने वाली है. सरकार चाह रही है कि सभी दल इसके लिए साथ आए. बिल पर सर्वसम्मति बनाने के लिए सरकार इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेज सकती है.
सूत्रों की मानें तो सरकार की प्राथमिकता बिल को आम सहमति के साथ सदन में पारित कराना है, जिससे गरीब मुस्लिमों, अनाथ मुस्लिमों और मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल सके. सदन में बिल पर आम सहमति नहीं बन पाती है तो सरकार इसे और अधिक चर्चा के लिए किसी संयुक्त समिति के पास भेज सकती है.
धारा-40 को बदलने की तैयारी
सूत्रों की मानें तो सरकार ने इस बिल के लिए फुल होमवर्क भी किया है. उन्होंने इसके लिए करीब 70 समूहों से राय ली है. बिल का मकसद स्पष्ट है- वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से निजात दिलाना. वक्फ के पास देश में रेलवे और डिफेंस के बाद सबसे अधिक संपत्ति है. सरकार बिल से वक्फ बोर्ड अधिनियम की धारा-40 को बदलना चाहती है. धारा-40 से बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित कर सकता है. नए बिल में सरकार केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड के कार्यों को संशोधित कर सकती है. इसके अलावा, बिल में निकाय में महिलाओं और गैर मुस्लिमों को शामिल कराने का भी प्रावधान है.
वक्फ संपत्ति के दर्जे के लिए यह जरूरी
विधेयक में आगाखानियों और बोहरा मुस्लिमों के लिए अलग औकाफ बोर्ड के स्थापना का भी प्रस्ताव है. यह विधेयक शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी और अन्य पिछड़े वर्ग के मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व की सिफारिश करता है, जिससे केंद्रीय पोर्टल, डेटाबेस की मदद से वक्फ के पंजीकरण को सुव्यवस्थित किया जाए. मसौदा कानून में प्रावधान है कि अगर किसी संपत्ति को वक्त संपत्ति का दर्जा देना है तो नोटिस के साथ-साथ राजस्व कानूनों के पूरे प्रक्रिया को पूरा करना होगा.
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