CG हाईकोर्ट ने बिलासपुर संभाग कमिश्नर के आदेश पर लगाई रोक, नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा

बिलासपुर, 06 अगस्त। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति को लेकर रोचक मामला सामने आया है। कम अंक पानी वाली अभ्यर्थी ने अपने से अधिक अंक वाली अभ्यर्थी की नियुक्ति को चुनौती दी थी। कलेक्टर के आदेश को चुनौती देते हुए कमिश्नर कोर्ट में पुनरीक्षण अपील पेश की थी। कमिश्नर कोर्ट में मामला जीत गई। इसे चुनौती देते हुए योग्यताधारी सरस्वती मरावी ने हाई कोर्ट में अपील पेश की। हाई कोर्ट ने कमिश्नर के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता मरावी के पक्ष में नियुक्ति आदेश जारी करने का आदेश सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग को जारी किया है। कोर्ट ने कमिश्नर बिलासपुर संभाग व सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने कोरबा जिले के पोडी उपरोड़ा तहसील के ग्राम पंचायत सुतरा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र मंगाया था। सरस्वती मरावी द्वारा निर्धारित योग्यता 10वीं व 12वीं के अंक सूची, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड सहित आवेदन किया था। जिसके आधार पर सरस्वती मरावी को 56.92 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ था। रानू बिंझवार को 40.72 अंक प्राप्त हुआ था। याचिकाकर्ता सरस्वती मरावी से कम अंक होने के बावजूद भी रानू बिझवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दे दी गई। सरस्वती मरावी द्वारा रानू बिझवार की नियुक्ति आदेश को चुनौती देते हुए कलेक्टर कोरबा के समक्ष अपील प्रस्तुत की। सुनवाई के बाद कलेक्टर ने सरस्वती मरावी के आवेदन को स्वीकार कर नियुक्ति देने का आदेश दिया। कलेक्टर कोरबा के आदेश के परिपालन में सरस्वती मरावी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर 13 मार्च 2023 को नियुक्ति आदेश जारी किया गया।

रानू बिंझवार ने कलेक्टर के आदेश को कमिश्नर कोर्ट में दी चुनौती

कलेक्टर के आदेश को चुनौती देते हुए रानू बिंझवार ने कमिश्नर कोर्ट में चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका पेश की। कमिश्नर ने कोरबा कलेक्टर के आदेश को निरस्त करते हुए रानू को नियुक्त करने का आदेश पारित कर दिया।

सरस्वती ने कमिश्नर कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में दी चुनौती

कमिश्नर कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सरस्वती मरावी ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्दीकी ने कहा कि किसी भी पद पर भर्ती के लिए योग्यता निर्धारित की जाती है। अधिक अंक और अनुभवी को प्राथमिकता दी जाती है। इस प्रकरण में भी ऐसा ही है। याचिकाकर्ता प्रतिवादी से अधिक योग्यता रखती है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कमिश्नर के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में नियुक्ति आदेश जारी करने कहा है। कोर्ट ने सचिव महिला बाल विकास विभाग, कमिश्नर बिलासपुर संभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।

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