कटघोरा : “मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में राष्ट्रीयता की भावना कूट कूट कर भरी थी।” उक्त उद्गार डॉ शिवदयाल पटेल विभागाध्यक्ष हिंदी शासकीय मुकुटधर पांडेय महाविद्यालय कटघोरा ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती के अवसर पर महाविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किया। आगे उन्होंने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त के जीवन में राष्ट्रीयता के भाव कूट-कूट कर भर गए थे। इसी कारण उनकी सभी रचनाएं राष्ट्रीय विचारधारा से ओत प्रोत है। वे भारतीय संस्कृति एवं इतिहास के परम भक्त थे। परन्तु अंधविश्वासों और थोथे आदर्शों में उनका विश्वास नहीं था। वे भारतीय संस्कृति की नवीनतम रूप की कामना करते थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1936 में उन्हें राष्ट्रकवि कहकर संबोधित किया था। गुप्त जी ने गद्य, पद्य, नाटक, मौलिक तथा अनूदित सब मिलाकर हिंदी को लगभग 74 रचनाएँ प्रदान की हैं। जिनमें दो महाकाव्य, 20 खंडकाव्य, 17 गीतिकाव्य, चार नाटक और गीतिनाट्य हैं। इतिहास विभाग की अध्यक्ष डॉ पूनम ओझा ने गुप्त जी के द्वारा लिखे महाकाव्य साकेत में उर्मिला के त्याग का वर्णन किया। उन्होंने जयद्रथ वध, मेघनाद वध, सैरंध्री, पृथ्वीपुत्र, द्वापर, यशोधरा आदि कृति को भारत के जनमानस की कृति कहा। गंगाराम पटेल ने कहा कि मैथिलीशरण गुप्त सबसे महत्वपूर्ण आधुनिक हिंदी कवियों में से एक थे। उन्हें खड़ी बोली कविता के अग्रदूतों में से एक माना जाता है, जिन्होंने खड़ी बोली में लिखा, जबकि उस समय अधिकांश हिंदी कवि ब्रजभाषा बोली के उपयोग के पक्षधर थे। वह पद्मभूषण के तीसरे सबसे बड़े (तब दूसरे सबसे बड़े) भारतीय नागरिक सम्मान के प्राप्तकर्ता थे। उनकी कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतंत्रता संग्राम की ऐसी प्रेरक रचना थी जिसे पढ़कर युवाओं ने देश की आजादी के लिए लाखों की संख्या में अपनी कुर्बानी दी।
डॉ मदनमोहन जोशी प्राचार्य के संरक्षण में हिंदी विभाग और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में 3 अगस्त 2024 को आयोजित कार्यक्रम में डॉ प्रिंस कुमार मिश्रा, यशवंत जायसवाल, भुनेश्वर कुमार, शैलेंद्र कुमार ओट्टी, प्रेम नारायण वर्मा, राजकुमारी मरकाम, राकेश कुमार आजाद, संजय कुमार ने भी अपना उद्बोधन प्रदान किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम सहायक अमन पांडे, दलनायक अनित यादव, रासेयो स्वयंसेवक एवं हिंदी विभाग के छात्र अमित कुमार, संजू कुमार, हर प्रसाद कैवर्त, नीतीश यादव, राहुल गुप्ता, अनिकेत साहू, मनीष यादव प्रियांशु, धनंजय, युवराज रात्रे, डेविड, भूमिका कारके, रूपा, रजनी, सरिता, रिया टेकाम, सुरेखा, राधिका, दामिनी, वर्षा, अंकिता, रामबती केवट, छाया राजपूत, अमर सिंह, अनूपा कुर्रे, काजल कुर्रे, प्रेमा आरमौर सहित महाविद्यालयीन स्टॉफ उपस्थित रहे।
[metaslider id="347522"]