बाबा कलेश्वरनाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना से निसंतान दंपतियों को मिलता है संतान सुख

जांजगीर चांपा, 1 अगस्त I सावन माह प्रारंभ होते ही सभी शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रह है, सभी शिव मंदिरों में सुबह से भक्तो का ताता लगा रहता है, लोग बड़ी संख्या में मंदिर पहुंच कर भगवान शिव का जल, दूध , दही, शहद से अभिषेक कर रहे हैं. वहीं आज हम आपको ऐसे शिव मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां दर्शन करने से सभी मनोकामना पूरी होती है, इसके साथ ही यह मंदिर के जलहरी से का जल पीने से पेट रोग से छुटकारा मिलती है और नि:संतान दंपती को संतान की प्राप्ति होती है.

जांजगीर चांपा जिले के जिला मुख्यालय जांजगीर से 10 किमी दूर हसदेव नदी के किनारे ग्राम पीथमपुर है जहां भगवान कलेश्वर नाथ है, इस बाबा कलेश्वर नाथ पर लोगो की अगाध श्रद्धा है, जिले के अलावा अन्य जिलों के श्रद्धालु भगवान कलेश्वर नाथ के दर्शन करने आते हैं. पीथमपुर में सावन माह और महाशिवरात्रि पर्व पर यहां भक्तो की भारी भीड़ उमड़ती है, पंडित नरेश तिवारी जी ने बताया कि भगवान कलेश्वरनाथ मंदिर में स्थित शिव लिंग की स्थापना सन 1698 में जगमाल गांगजी नामक व्यक्ति ने कराया था.

रंगपंचमी पर लगता है मेला


मान्यता है कि यहां सच्चे मन से आराधना करने से नि:संतान दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त होता हैं.यहां सावन माह में भक्तो की अपार भीड़ उमड़ती है और बताया की यहां हर साल रंगपंचमी से 15 दिवसीय मेला लगता है, जिसमे देश के विभिन्न हिस्सों से नागा साधु संत आते हैं. सावन माह में भक्तो की अपार भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति सहित जिले का पुलिस अमला भी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने चौकस होता है.

रंगपंचमी पर लगता है मेला


मान्यता है कि यहां सच्चे मन से आराधना करने से नि:संतान दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त होता हैं.यहां सावन माह में भक्तो की अपार भीड़ उमड़ती है और बताया की यहां हर साल रंगपंचमी से 15 दिवसीय मेला लगता है, जिसमे देश के विभिन्न हिस्सों से नागा साधु संत आते हैं. सावन माह में भक्तो की अपार भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति सहित जिले का पुलिस अमला भी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने चौकस होता है.

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