बिलासपुर, 31 जुलाई। बिल्हा ब्लाक के मुढ़ीपार ग्राम की रहने वाली की अंजलि बंजारे ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिला स्व-सहायता समूहों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है। अंजलि शादी के बाद परिवार को आर्थिक सहयोग देने के लिए मजदूरी करती थीं। वहीं अब उनके पास किराना दुकान, टेलरिंग, शृंगार की दुकान है और साथ ही वह ई-रिक्शा भी चलाती हैं। अंजलि बताती हैं कि ई-रिक्शा से उनकी सालाना करीब एक लाख रुपये की कमाई हो जाती है, जिससे उन्हें और उनके परिवार को आर्थिक मजबूती मिलती है।
अंजली हर महिला के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। अपने जीवन के कठिन संघर्षों के बीच उन्होंने न केवल अपनी और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारा, बल्कि यह साबित कर दिया कि मेहनत और संकल्प से कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है। जबकि एक वक्त था जब घर चलाने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी, लेकिन एक दिन उन्होंने के बारे में जाना। इसके बाद उन्होंने अपनी साथी महिलाओं के साथ मिलकर श्रद्धा महिला स्व-सहायता समूह बनाया। और आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम बढ़ाया। सरकारी योजनाओं के तहत मिली सहायता राशि की बदौलत, आज अंजली कई तरह के व्यवसायों में सफलतापूर्वक कार्यरत हैं।
जागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका
अंजलि का मानना है कि अगर उन्हें पहले ही सरकारी योजनाओं की जानकारी होती तो वह पहले ही आत्मनिर्भर बन चुकी होतीं। वह अन्य महिलाओं को भी जागरूक होने और सरकारी स्कीम्स का लाभ उठाने की सलाह देती हैं। अंजलि कहती हैं कि सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाती हैं और हमें उनके बारे में जानकारी रखते हुए अपनी बेहतरी के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
टेडी बेयर और हैंड बैग का निर्माण
अंजलि बंजारे अपने स्व-सहायता समूह के माध्यम से न सिर्फ किराना दुकान और टेलरिंग का काम करती हैं, बल्कि उन्होंने टेडी बेयर और महिलाओं के हैंड बैग का निर्माण भी शुरू किया है। खुद के साथ साथ उन्होंने और भी महिलाओं को इसकी ट्रेनिंग दी है। टेडी बेयर और हैंड बैग का निर्माण करके अंजली ने न केवल अपनी आय में वृद्धि की है, बल्कि स्थानीय बाजार में एक नई पहचान भी बनाई है।
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