सूरजपुर,26 जुलाई। टीबी मुक्त भारत की आवाज देश के हर कोने से आनी चाहिए तभी हमारा देश टीबी मुक्त देश बन सकता है इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सूरजपुर जिला के सबसे सुदूर अंचल ओड़गी के एकलव्य विद्यालय में कार्यशाला का आयोजन कर स्वास्थ्य स्वच्छता और टीबी जागरूकता का संदेश दिया गया। यह आयोजन स्वास्थ्य विभाग ओड़गी और पिरामल फाऊंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
इस अवसर पर खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक सखन आयाम ने कहा कि व्यक्ति स्वयं को स्वच्छ रखें आसपास का वातावरण स्वच्छ और निर्मल हो तो बिमारियों से दूर रहेगा। हमारे हाथ के द्वारा भोज्यपदार्थ हमारे मुंह में जाता है इसलिए सबसे जरूरी हाथों की सफाई है ।
हाथ धोने का छ:चरण होता है जिसमें हाथ की रेखाओं से लेकर एक एक अंगुलीयों की सफाई की जाती है। टीबी का संक्रमण से बचने के लिए यह अतिआवश्यक है कि हमारे गांव पंचायत मुहल्ले या जहां रहते हैं वहां टीबी का पेसेन्ट न हो । यदि है तो उसका बलगम की जांच होनी चाहिए और टीबी की पुष्टि होने पर दवा प्रारंभ किया जाना चाहिए। पिरामल फाऊंडेशन छत्तीसगढ़ के जिला कार्यक्रम अधिकारी महेन्द्र तिवारी ने कहा कि विद्यालयों में टीबी का संदेश देने से बच्चों के साथ साथ उनके घरों तक संदेश पहुंचेगा।
पाठ्यक्रम में भी टीबी अर्थात क्षय रोग सम्बंधित विषय सामील है। जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी ने बताया कि शाला के बच्चें टीबी मुक्त भारत के लिए कैसे सहयोग कर सकते हैं उनकी भूमिका क्या हो सकती है स्वयं और समाज को टीबी मुक्त कैसे बना सकते हैं इस विषय पर विधिवत जानकारी दिया। शाला के प्राचार्य ने आभार व्यक्त करते हुऐ कहा कि टीबी की बिमारी हवा के माध्यम से फैलती है व्यक्ति जब खांसता छींकता है तो बैक्टीरिया हवा में आ जाती जिससे अन्य व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है।
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