सूरजपुर, 25 जुलाई I जिले के बिहारपुर इलाके में आजादी के बाद भी कई ऐसे गांव है, जहां के ग्रामीणों को मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने चारपाई और कांवर का सहारा लेना पड़ता है। ऐसा ही मामला गुरुवार को बिहारपुर इलाके के सपहा गांव में प्रकाश में आया। जहां आवागमन की समस्या के कारण उल्टी दस्त से पीड़ित महिला को पैदल कांवर में ढोकर तीन किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाकर भर्ती कराया गया।
आजादी के बाद भी जिले में ऐसे कई गांव है। जहां ग्रामीण सड़क, बिजलीं, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से आज भी जूझ रहे हैं। बता दें कि जिले के दूरस्थ बिहारपुर इलाके के ग्राम पंचायत सपहा के पाल पारा मोहल्ले में रहने वाली फूलमती पाल पति सुग्रीव पाल 45 वर्ष बुधवार को उल्टी दस्त की चपेट में आ गई। इससे उसकी तबियत बिगड़ने लगी। इस गांव में सड़क का अभाव होने के साथ ही नाला पार कर चार पहिया वाहन पहुंचता है, लेकिन बारिश के मौसम में नाला उफान पर रहने के कारण चारपहिया वाहनों की आवाजाही बाधित हो जाती है। यही वजह है कि उल्टी दस्त से पीड़ित महिला फूलमती को गुरूवार को सुबह स्वजन कांवर के जरिए पैदल करीब तीन किलोमीटर की दूरी तय कर उसका इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिहारपुर पहुंचे और उसे भर्ती कराया। जहां उसका उपचार जारी है।
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