आईपीएल के 18वें सीजन से पहले होने वाली मेगा ऑक्शन में फ्रेंचाइजियों ने तीन बड़े बदलावों की मांग की है। इन बदलावों का उद्देश्य नीलामी प्रक्रिया और टीम को बेहतर बनाना है। फ्रेंचाइजियों ने मेगा ऑक्शन की अवधि, खिलाड़ियों के रिटेंशन की संख्या और राइट टू मैच में बदलाव की मांग की है। तो आइये जानें टीमों की मांग क्या है-
मेगा नीलामी की अवधि: फ्रेंचाइजियों ने मेगा नीलामी को हर तीन साल में आयोजित करने की बजाय इसे हर पांच साल में करने की मांग की है। उनका मानना है कि इससे युवा और अनकैप्ड खिलाड़ियों को अपने कौशल को सुधारने और प्रदर्शन के मौके मिलेंगे, जिससे वे बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
खिलाड़ियों के रिटेंशन की संख्या: वर्तमान में, टीमों को चार खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति है। फ्रेंचाइजियों ने इसे बढ़ाकर छह करने की मांग की है ताकि वे अपनी टीम के कोर खिलाड़ियों को बनाए रख सकें और टीम की स्थिरता बनी रहे। जिससे टीम का संतुलन बना रहेगा।
राइट टू मैच (आरटीएम) का ऑप्शन: फ्रेंचाइजियों ने आरटीएम की संख्या को आठ करने की मांग की है। इससे उन्हें अपने पुराने खिलाड़ियों को मेगा नीलामी में अन्य टीमों द्वारा खरीदी गई बड़ी बोली से मिलाकर वापस अपनी टीम में शामिल करने में आसानी होगी।
इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य टीमों की स्थिरता और रणनीतिक योजना को सुधारना है, जिससे वे अपनी टीमों को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकें और प्रतियोगिता में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें। आपको बता दें, फिलहाल इन मांगों पर आईपीएल अधिकारियों द्वारा कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
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