रायपुर फायरिंग केस में मुख्‍य आरोपी अमनदीप ने नहीं खोली जुबान, शूटरों को पिस्‍टल देने वाला पंजाब से गिरफ्तार

रायपुर,25 जुलाई । राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन कंपनी पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर फायरिंग करवाने की जिम्मेदारी जेल में बंद अमन साहू ने हरियाणा के अमनदीप वाल्मीकि को दी थी। बुधवार को गोलीकांड के मुख्य आरोपित सिरसा से गिरफ्तार गैंगस्टर अमनदीप वाल्मीकि उर्फ अम्मू सहित उसके दो अन्य साथी लक्ष्मण दास बाजीगर और रवि कुमार सेन को कोर्ट में पेश किया गया। गैंगस्टर अमनदीप वाल्मीकि को एक दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपित से पूछताछ की जाएगी। वहीं फरार चल रहे एक आरोपित चमन को पंजाब से गिरफ्तार किया गया है। इसी ने आरोपितों के खाते में रकम डाली थी।

जानकारी के अनुसार चमन, मुख्य आरोपित अमनदीप और शूटरों का करीबी रहा है। उसने ही शूटरों को पिस्टल उपलब्ध करवाई थी। अमन साहू ने अमनदीप को शूटआउट के लिए सात लाख रुपये में सुपारी दी थी। कंस्ट्रक्शन कंपनी का झारखंड में 810 करोड़ का काम चल रहा है।

ठेका मिलने के बाद अमन साहू की गैंग चला रहे मलेशिया में बैठे मयंक सिंह ने 60 करोड़ रुपये फिरौती मांगी थी। पैसे नहीं मिलने पर धमकी दी गई। इसके बाद फायरिंग करवाई गई। रायपुर पुलिस ने डेढ़ माह में लारेंस और अमन साहू गैंग के 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।

फिर वारंट जारी कराएगी पुलिस

गैंगस्टर अमन साव को लाने पुलिस चौथी बार वारंट जारी कराने का प्रयास करेगी। जब भी पुलिस पहुंचती है, उसके एक दिन पहले ही अमन को दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया जाता है। अमन पूरा जोर लगा रहा है कि पुलिस उसे रायपुर लेकर न ला सके।

रवि-लक्ष्मण से सिम और दस्तावेज उपलब्ध करवाए

रवि कुमार सेन और लक्ष्मण दास बाजीगर को सिम कार्ड सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शूटरों के अलावा गिरोह के अन्य आरोपितों को भी इनके द्वारा दूसरे राज्यों के सिम कार्ड उपलब्ध करवाए गए, जिससे पुलिस अगर सिम मालिक के पास पहुंचे तो उन्हें सही व्यक्ति की पहचान न हो सके।

29 मई को छूटने के बाद फिर से उसी काम जुटा अमनदीप

पुलिस के अनुसार अमनदीप की हरियाणा-पंजाब में गैंग है। गैंगस्टर के लिए शूटर की व्यवस्था करता है। वह एक मामले में जेल में बंद था। 29 मई को जेल से छूटा है। उसके बाद से फिर इसी काम में लग गया है। उसका देश के कई शहरों में नेटवर्क है। उसके पास 25-30 साल के युवाओं क गैंग है, जो 20-25 हजार रुपये में किसी की हत्या करने को तैयार रहते हैं। वह हरियाणा सिरसा से गैंग आपरेट करता है।

पुलिस के अनुसार अमन साव, अमनदीप समेत गैंग के सभी सदस्य पुलिस से बचने के लिए कई तरह के एप का उपयोग करते हैं। एप के माध्यम से उनकी बातचीत और चैट होती है। इसे ट्रेस करना मुश्किल होता है। इन एप की जानकारी भी पुलिस को तुरंत नहीं मिल पाती है। पिछली बार पकड़े गए चार शूटरों से इस बात का राजफाश हुआ था।

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