“मैंने मेघना से कहा, मैं बिल्कुल सिल्लू जैसी दिखती हूँ”: सान्या मल्होत्रा

25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर ज़ी सिनेमा पर सैम बहादुर फिल्म का वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर होने जा रहा है, जिसके माध्यम से फैंस और दर्शकों को बहादुरी, नेतृत्व और देशभक्ति की यात्रा का अनुभव करने का मौका मिलेगा। सैम बहादुर फिल्म भारत के महानतम सैनिक सैम मानेकशॉ के उल्लेखनीय जीवन पर प्रकाश डालती है। फिल्म में सान्या मल्होत्रा ने सैम मानेकशॉ की पत्नी सिल्लू मानेकशॉ का किरदार निभाया है, जिनसे बातचीत के खास अंश यहाँ पेश हैं:

सिल्लू मानेकशॉ का रोल निभाने के लिए आपने कैसे तैयारी की?

जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मेरे दिमाग में पहले से ही यह था कि मैं इसमें काम करना चाहती हूँ। लेकिन, जब मैंने पहली बार सिल्लू को देखा, तो मेघना के साथ मेरी पहली बातचीत कुछ इस तरह थी, “मेघना, मैं बिल्कुल सिल्लू जैसी दिखती हूँ।” सिल्लू के किरदार ने मुझे कई तरह से प्रभावित किया। लेकिन यकीनन, मैंने उनके बारे में गहराई से जाना, उनके जीवन का अध्ययन किया और उनके चरित्र की बारीकियों को समझा। जो बात मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करती है, वह है मुश्किल वक्त में सैम मानेकशॉ के लिए उनका दृढ़ संकल्प और अटूट समर्थन। सिल्लू मानेकशॉ के बारे में रिसर्च करके और उसे निभाकर मुझे सैन्य परिवारों के बलिदानों और संघर्षों के बारे में गहराई से जानने को मिला। इस किरदार से मुझे ऐसी जीवनशैली के साथ आने वाली ताकत और त्याग की गहरी समझ मिली। मैं उन्हें सलाम करती हूँ!

फिल्म के बाकी कलाकारों और क्रू के साथ काम करना कैसा रहा, खासकर विक्की और फातिमा सना शेख के साथ?

यह बड़ा शानदार अनुभव था। पूरी कास्ट और क्रू बेहद प्रतिभाशाली थे और सभी ने पूरी लगन से काम किया। सैम मानेकशॉ की भूमिका निभाने वाले विक्की कौशल के साथ काम करना एक मुकम्मल एहसास था। वे किरदार में बहुत गहराई लाए, और हमारी ऑन-स्क्रीन कैमिस्ट्री बनाने के लिए भी हमने कड़ी मेहनत की। मेघना गुलज़ार शानदार हैं और उन्होंने हम सभी को बहुत सटीकता और जुनून के साथ निर्देशित किया। लेकिन, इस फिल्म को और भी खास बनाने वाली थीं फातिमा सना शेख। पहले को-स्टार्स हमेशा खास होते हैं। हमारी साथ में पहली फिल्म ने हाल ही में आठ साल पूरे किए, और यह फिल्म याद दिलाती है कि ज़िंदगी बहुत आगे निकल आई है। आठ साल पहले, हम बच्चे थे। मुझे हम पर बहुत गर्व और खुशी है। यह एहसास मेरे दिल को छू जाता है।

आपको क्या लगता है कि दर्शक सैम बहादुर से क्या सीखेंगे?

मुझे उम्मीद है कि दर्शक सैम मानेकशॉ के भारत के लिए योगदान और सैन्य परिवारों द्वारा किए गए बलिदानों की गहरी समझ हासिल करेंगे और इनकी सराहना करेंगे। यह साहस, हौंसले और प्यार की कहानी है। मुझे यह भी उम्मीद है कि यह फिल्म लोगों को हमारे इतिहास और इसे आकार देने वालीं बेमिसाल हस्तियों के बारे में और ज्यादा जानने के लिए प्रेरित करेगी।

‘सैम बहादुर’ का वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर रविवार, 28 जुलाई को दोपहर 12 बजे और रात 9 बजे केवल ज़ी सिनेमा पर होने जा रहा है।

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