रामानुजनगर विकासखण्ड़ के स्वास्थ्य सूचकांक पर चर्चा

सूरजपुर,23 जुलाई। रामानुजनगर विकासखण्ड़ की स्थिति स्वास्थ्य सूचकांकों की दृष्टि से अच्छी मानी जाती है। यहां टीबी का स्क्रीनिंग काउंसलिंग और नोटीफिकेशन अन्य ब्लाकों के तुलना में अच्छा है । खण्ड़ चिकित्सा अधिकारी डॉ विश्वकर्मा के अध्यक्षता में सोमवार को टीबी के अहम् विषयों पर चर्चा किया गया जिसमें टीबी मुक्त पंचायत, नोटीफिकेशन, सस्पेक्टेड केशों का रेफरल एवं जांच, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उपस्वास्थ्य केंद्र से लक्ष्य के अनुपात में रेफरल, एक्स-रे, टूनांट एवं माइक्रोस्कोपी टेस्ट , नि-क्षय दिवस का आयोजन , पंचायत स्तरीय टीबी फोरम का गठन, ब्लॉक टीबी फोरम की बैठक आदि विषयों पर चर्चा और समीक्षा कर रामानुजनगर ब्लॉक को टीबी मुक्त ब्लॉक बनाने के लिए रणनीति बनाई।

समीक्षा के दौरान सभी सेक्टरों में सेक्टर प्रवेक्षक, पिरामल फाऊंडेशन के जिला कार्यक्रम अधिकारी महेन्द्र तिवारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। डॉ विश्वकर्मा ने कहा कि टीबी को पुरी तरह दुनियां में समाप्त करना है इसके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने मापदंड और समय-सीमा 2030 निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत सरकार भी कटिबद्ध है जिसके लिए समय-सीमा 2025 रखा गया है।

राज्य शासन भी इस विषय पर गम्भीर है, जिला कलेक्टर महोदय रोहित व्यास एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एस सिंह के द्वारा प्रत्येक माह समीक्षा की जा रही है। वर्तमान परिदृश्य में रामानुजनगर विकासखण्ड़ को थोड़ा और अधिक सक्रिय हो कर कार्य करना होगा। यह राष्ट्रीय कार्यक्रम है इसमें लापरवाही करना यानी मुसीबत मोल लेना। इस लिए सभी कर्मचारी ईमानदारी से कार्य करें । अपने अपने कार्य क्षेत्र से सम्भावित टीबी पेसेंटों का जांच करवाये पाज़िटिव केश मिलने पर दवा तत्काल शुरू करें। यदि किसी भी क्षेत्र में कोई समस्या हो तो मुझे तत्काल बतायें। टीबी के मुद्दे के लिए विशेष रूप से टीबी फोरम का गठन किया गया है जिसमें बातें को रखा जायेगा।

अन्य विभागों से भी सहयोग लिया जाएगा। पिरामल फाऊंडेशन के जिला कार्यक्रम अधिकारी महेन्द्र तिवारी ने कहा कि पिरामल फाऊंडेशन टीबी मुक्त भारत के लिए नई नई रणनीति बनाकर कार्य कर रहा है जिसका एक मात्र उद्देश्य भारतवर्ष को टीबी मुक्त बनाना है जिसके लिए हेल्थ सेंटर का विजिट और गतिविधियों के आयोजन हेतु प्रयास करता है राज्य सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों को जमीनी स्तर क्रियान्वयन हेतु विभाग के कर्मचारियों से सम्पर्क करता है। पुरे जिला में पिरामल फाऊंडेशन के दो कर्मचारी हैं दोनों का कार्यक्षेत्र बंटा हुआ है राज नारायण द्विवेदी प्रतापपुर भैयाथान को देखते है तो मै इस क्षेत्रों में ज्यादा सम्पर्क करता हूं।