छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसूत्र के पहले दिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी और आदिवासी इलाकों में जमीन के पट्टे में गड़बड़ी का मुद्दा उठा। इन मामलों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने जल्द ही प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती शुरू करने और राजस्व मंत्री ने पट्टा मामले में सबूत उपलब्ध कराने पर जांच किए जाने की बात कही।
रायपुर विधायक मोतीलाल साहू ने अपने सवाल में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से पूछा- जानकारी मिली है कि शिक्षकों के 1954 पद रिक्त हैं मेरे क्षेत्र में। रायपुर ग्रामीण इलाके में हायर सेकेंडरी तक स्कूल है जिसमें अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी है।
मोतीलाल साहू ने शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया।
गरीब बच्चों के साथ अन्याय हो रहा- भाजपा
विधायक मोतीलाल साहू ने सवाल किया- माना कैंप का हिंदी मीडियम स्कूल है जहां पर छठवीं से आठवीं तक के लिए दो शिक्षक हैं। वहीं पर हिंदी मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल है जिसमें 9वीं से लेकर 12वीं तक के लिए तीन शिक्षक हैं। शिक्षकों की कमी के कारण गरीब बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसके जवाब में कहा- मैं सदस्य की चिंता से सहमत हूं लेकिन पूरे प्रदेश में देश का जो औसत है 26 स्टूडेंट में 1 शिक्षक छत्तीसगढ़ में 21 स्टूडेंट में 1 शिक्षक है फिर भी शिक्षकों की यहां पर कमी है।
प्रदेश में करीब 300 स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक नहीं स्कूल है। तो इसके लिए युक्तियुक्तकरण (जहां अधिक टीचर होंगे वहां से कम टीचर वाले स्कूल में भेजा जाएगा) की प्रक्रिया कर रहे हैं। युक्तियुक्तकरण के बाद सुधार आएगा। उसके बाद शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया आगे करेंगे।
विधायक जनक ध्रुव ने पट्टे की गड़बड़ी का सवाल उठाया।
जमीन के पट्टों में गड़बड़ी कांग्रेस काल की, भड़का विपक्ष
विधायक जनक ध्रुव ने गरियाबंद के मैनपुरी में आदिवासी परिवार को जमीन का पट्टा देने के मामले में सरपंच और सचिव के फर्जी हस्ताक्षर होने की बात कही। ध्रुव ने इसमें विधायकों की समिति बनाकर जांच की मांग की। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि कलेक्टर ने जांच की थी, कुछ भी ऐसे नहीं पाया गया इसलिए इस शिकायत को विलोपित किया गया। ध्रुव ने कहा कि जानकारी देने वाले अफसरों ने मंत्री और इस सदन काे गुमराह किया है।
जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि ये कांग्रेस शासनकाल का मुद्दा है, विधायक के पास जो भी तथ्य हैं हमें उपलब्ध करवाइए हम जांच कर लेंगे। ये सुनकर कांग्रेस के विधायक नाराज हुए। उमेश पटेल ने कहा कि यहां फर्जी साइन की बात है जांच होनी चाहिए कि आखिर साइन कहां से आए।
सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर हाल ही में हुए नेताओं के निधन पर दुख व्यक्त किया।
भूपेश बघेल भी उठ खड़े हुए उन्होंने कहा कि ये मामला दिसंबर 2018 का है तब हमारी सरकार नहीं थी भाजपा की थी। तो सरकार चाहे किसी की भी हो जांच तो होना चाहिए। डॉ रमन सिंह ने कहा- मंत्री कह चुके हैं कि तथ्य उपलब्ध करवा दीजिए देख लेंगे।
इसके बाद जगदलपुर विधायक किरणदेव ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के बीमा का सवाल उठाया, हालांकि तब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रश्नकाल का समय खत्म होने की वजह से डॉक्टर रमन सिंह ने प्रश्नकाल समाप्त होने की घोषणा कर दी।
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