कोयला मंत्रालय द्वारा हर वर्ष जिस तरह कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित करता है उसी प्रकार समाजिक जन कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए भी हर वर्ष कोल इंडिया का लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए – दीपेश मिश्रा


कोरबा, 21 जुलाई । कोयला मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान कोल इंडिया के लिए 838 मिलियन टन का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष मे कोल इंडिया का 780 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया था पर 773 मिलियन टन कोयला ही कोल इंडिया उत्पादन कर पाई जोकि निरधारित लक्ष्य से 7 मिलियन कम था इस संबंध मे इंडियन माइंस वर्कर्स फेडरेशन एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने कहा कि कोयला मंत्रालय द्वारा हर वर्ष कोल इंडिया प्रबंधन के लिए कोयला उत्पादन का ही लक्ष्य निर्धारित किया जाता है हम कतई इसके खिलाफ नहीं है क्योंकि कोयला ही देश मे जरूरी उर्जा का प्रमुख स्रोत है जिससे बिजली उत्पादन होता है परंतु कोयला मंत्रालय को कायदे से कोयला उत्पादन लक्ष्य के साथ साथ दूसरे दायित्व का भी लक्ष्य कोल इंडिया के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए।

इस संबंध मे उन्होंने आगे कहा कि कोल इंडिया एक सार्वजनिक उपक्रम है और श्रमिक कल्याणकारी कार्य के साथ साथ समाज मे कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत किए जाने वाले कार्यों का भी हर वर्ष लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए इसी तरह वह स्थान जहां पर कोयला खनन के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है वहाँ के स्थानीय निवासियों के कल्याण के लिए के लिए भी हर वर्ष कोल इंडिया की जवाबदेही तय किया जाना चाहिए इसके साथ ही छमाही इसकी समीक्षा भी होनी चाहिए इसी तरह आउटसोर्सिंग के माध्यम से कोयला उत्पादन किया जाता है उसके कामगारों को हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित वेतनमान सुनिश्चित करने के साथ ही ठेका कामगारों के कल्याण कार्यक्रम का भी लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए ।

दीपेश मिश्रा ने आगे कहा कि ऐसा देखा जा रह है कि कोल इंडिया प्रबंधन सिर्फ कोयला उत्पादन लक्ष्य को ही पूरी तरह तरजीह देती है क्योंकि कोयला उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने पर ही कोयला प्रबंधन के उच्च अधिकारी तरक्की पाने के हकदार बनते हैं इसलिए दीगर महत्वपूर्ण कार्यों को वे पूरी तरह अनदेखा करते रहते हैं दीपेश मिश्रा ने अंत मे कहा कि कोयला मंत्रालय द्वारा हर वर्ष जिस तरह कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित करता है उसी प्रकार समाजिक जन कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए भी हर वर्ष कोल इंडिया का लक्ष्य निर्धारित करना चहिये।

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