कोरबा: स्वाध्यायी स्टूडेंट्स को नई शिक्षा नीति की बारीकियों से अवगत कराने कमला नेहरु काॅलेज में विशेष समिति का गठन

कोरबा, 11 जुलाई। नई शिक्षा नीति (एनईपी) स्कूल एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नए दौर का आरंभ माना जा रहा है। पर उसके लिए एनईपी की नीतियों के जुड़े तकनीकी पहलुओं को भली-भांति जानना-समझना न केवल शिक्षकों-प्राध्यापकों के लिए, बल्कि विद्यार्थियों के लिए भी परम आवश्यक है। तभी नई शिक्षा नीति के लाभ उन्हें जोड़ा जा सकेगा। इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कमला नेहरु महाविद्यालय की ओर से एक अभिनव पहल की गई है। खास बात यह है कि काॅलेज में इसी सत्र स्नातक प्रथम वर्ष में प्राइवेट (स्वाध्यायी) छात्र-छात्राओं को भी सेमेस्टर प्रणाली से परीक्षा देनी होगी। स्वाध्यायी विद्यार्थियों को भी अध्ययन-अध्यापन की ज्यादातर प्रक्रिया से एक नियमित विद्यार्थी की तरह ही गुजरना होगा। ऐसे में नई शिक्षा नीति के तहत प्रवेश, विषय चयन एवं परीक्षा प्रणाली को लेकर उनकी जिज्ञासाओं के समाधान के लिए कमला नेहरु महाविद्यालय में एक विशेष समिति का गठन किया गया है। इस समिति में शामिल प्राध्यापक सह विषय विशेषज्ञ स्वाध्यायी छात्र-छात्राओं के मन में उलझ रही तकनीकी उलझनों को दूर करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाएंगे।

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू (एनईपी) हो गई है। कोरबा जिले में भी अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के अंतर्गत आने वाले कोरबा जिले के भी समस्त संबद्ध महाविद्यालयों में एनईपी के तहत नियमित एवं स्वाध्यायी छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 में अध्ययन-अध्यापन सुनिश्चित करना होगा। कमला नेहरु महाविद्यालय में भी एनईपी के अनुसार स्नातक स्तर पर प्रवेश प्रक्रिया जारी है। विशेष बात यह है कि नई शिक्षा नीति नियमित की तरह स्वाध्याय विद्यार्थियों पर लागू होती है। स्वाध्यायी को भी सेमेस्टर सिस्टम से ही परीक्षा देनी होगी एवं नियमित विद्यार्थियों की तरह सतत मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होना होगा। स्वाध्यायी विद्यार्थी भी महाविद्यालय के विभागों से संपर्क कर सतत मूल्यांकन में अपना नामांकन कराकर परीक्षा में शामिल होने की पात्रता प्राप्त करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तकनीकी पहलुओं को स्वाध्यायी विद्यार्थियों तक पहुंचाने और उनके मार्गदर्शन के लिए कमला नेहरु महाविद्यालय ने एक विशेष टास्क समिति का गठन किया है, जो स्वाध्यायी विद्यार्थियों के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत होने वाले समस्त प्रबंधनों को लेकर मन-मस्तिष्क में उठ रहे सवालों-जिज्ञासाओं के समाधान करेंगे।
स्वाध्यायी विद्यार्थी परीक्षा के पूर्व महाविद्यालय के इस समिति के प्राध्यापकों से संपर्क कर भी अपनी जिज्ञासाओं, विषय चयन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने परामर्श की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
बाक्स
स्वाध्यायी परीक्षा की तैयारी में भी जरुरी हैं क्रेडिट अंक का अर्जन
कमला नेहरु काॅलेज के प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने बताया कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले नियमित छात्र-छात्राओं की तरह ही स्वाध्यायी परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी 30 क्रेडिट (अंकों) के मूल्यांकन का मापदंड पूरा करना होगा। एनईपी के तहत जब हम काॅलेजों के पाठ्यक्रम में लागू किए जा रहे प्रोग्राम की बात करते हैं, तो प्रोग्राम वह है, जिसमें बच्चा एडमिशन लेता है और डिग्री लेकर बाहर निकलता है। यानि बीए, बीएससी और बीकाॅम, यह प्रोग्राम हैं और कोर्स उनके भीतर पढ़ाए जाने वाले पेपर्स हैं। इनमें बाॅटनी, जूलाॅजी, पाॅलिटिकल साइंस, हिस्ट्री-इकोनाॅमिक्स ये सभी पेपर हैं। यही कोर्स क्रेडिट बेस्ड हैं, जो कोर्स करेगा, उसे क्रेडिट मिलेगा। एक सेमेस्टर में किसी स्टूडेंट को एक सेमेस्टर में 20 क्रेडिट अर्न करना है या 20 क्रेडिट पढ़ना है और क्रेडिट अर्जित करने मतलब है, उसे पास होना है। क्रेडिट मिल गया, यानि वह पास होगा। डाॅ बोपापुरकर ने कहा कि इस तरह की अनेक तकनीकी पहलुओं से रुबरु कराते हुए कमला नेहरु महाविद्यालय की विशेष समिति स्वाध्यायर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करेगी।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]