कोरबा की इशिता कश्यप छत्तीसगढ़ की एक मात्र कथक नृत्यांगना के रूप में चुनी गई

कोरबा,01 जुलाई 2024। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति 2023_24 के लिए चयनित होने वाली छत्तीसगढ़ की एक मात्र कथक नृत्यांगना इशिता कश्यप सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित नेशनल स्कॉलरशिप 2023_24 में गायन वादन नृत्य जैसे सभी विधाओं में से चयनित होने वाले छात्रों की सुची जारी की गई है जिसमे इशिता कश्यप छत्तीसगढ़ की एक मात्र कथक नृत्यांगना के रूप में चुनी गई है जो पुरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है । संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित सांस्कृतिक श्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा वर्ष 1982 से प्रतिभाशाली बच्चों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति योजना का संचालन किया जा रहा है जिसमें कला के पारंपरिक रूपों का प्रतिनिधित्व करने वाले कलाकारों को यह छात्रवृत्ति प्रदान किया जाता है पूरे भारत में प्रतिवर्ष यह सी सी आरटी छात्रवृत्ति 11 से 14 वर्ष के आयु के 650 छात्रों को प्रदान किया जाता है ,वर्ष 2023_24 में इस छात्रवृत्ति हेतु देश भर के 5000 से अधिक छात्रों ने नामांकन किया था ,12 जून 2024 को इसके परिणाम की घोषणा की गई जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ से एकमात्र कथक नृत्यांगना के रूप में इशिता कश्यप का चयन किया गया है, इशिता कश्यप अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तबला वादक एवं नृत्य गुरु मोरध्वज वैष्णव की शिष्या है एवं केंद्रीय विद्यालय 2, एनटीपीसी कोरबा में कक्षा छठवीं की छात्रा है ,बचपन से ही कत्थक में इशिता की रुचि को देखते हुए उनकी माता अनीता कश्यप एवं पिता रघुनंदन कश्यप ने इशिता को महज 4 वर्ष की उम्र में ही गुरु मोरध्वज वैष्णव के सानिध्य में भेजा जहां इनके गुरु ने इशिता की प्रतिभा को तरासते हुए रायगढ़ घराने के विशेष बोल बंदिशों , तत्कार एवं चक्करदार में पारंगत किया, बनारस घराने का 150 चक्कर का परण इशिता की विशेषता है ,इशिता ने कोलकाता, पुणे, भोपाल ,आगरा रायगढ़ ,बिलासपुर जैसे देश के अनेक बड़े नगरों के आलावा दुबई एवं मलेशिया जैसे विदेशी धरती में भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी है, तथा 11 वर्ष की उम्र में अबतक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर 15 बार प्रथम पुरस्कार अपने नाम कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है , इशिता अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरु मोरध्वज वैष्णव को देती है क्योंकि इतनी कम उम्र में इतनी प्रतिभा निश्चय ही गुरु की योग्यता एवं इशिता के कड़ी मेहनत को प्रदर्शित करती है राज्य शासन द्वारा ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है जिससे कलाकार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें तथा छत्तीसगढ़ का नाम रौशन कर सकें।