छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में पिछले कुछ महीने से एक ट्रेडिंग एप ने बड़ी संख्या में लोगों से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर पैसे जमा कराये थे। क्यूएलओएफ के नाम से करीब आठ महीने पहले शुरू हुए इस ट्रेडिंग एप्प ने जहाँ पहले लोगों से 3 हजार, फिर 6 हजार तो अब 1 हजार रुपये अमानत राशि जमा करने को कहा था। वही अब जब सभी निवेशक अपनी बढ़ी हुई राशि आहरण करने वाले थे तो इस संदिग्ध कंपनी ने केवाईसी का हवाला देकर विड्रॉल से मना कर दिया और फिर से प्रति अकाउंट 6 हजर रुपये जमा किये जाने की बात कही। अपने पैसे डूबने की आहट से निवशकों में हड़कंप मच गया हैं हालाँकि अब तक पुलिस में इसकी किसी तरह की शिकायत नहीं की गई हैं।
बहरहाल अब देखना होगा कि क्या जिन लोगों ने केवाईसी की रकम अदा की है उन्हें उनके पैसे वापिस मिलते हैं या फिर कंपनी कोई और बहाना बनाती हैं।
इस ट्रेडिंग एप्प में महिला, बुजुर्ग और युवाओं समेत बड़ी संख्या में नौकरीपेशा लोगों ने भी छः-छः हजार रूपये निवेश किये थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ करीब 40 फ़ीसदी निवेशकों ने बिना किसी परेशानी के अपने पैसे का आहरण कर लिया था, लेकिन ज्यादातर ने उन बढ़े हुए रकम को फिर से निवेश कर दिया था।
नेटवर्क मार्केटिंग की तर्ज पर चल रहे इस ट्रेडिंग एप्प में प्रति व्यक्ति जोड़ने पर अधिक कमाई का दावा किया जाता था। हर दिन ट्रेडिंग के बाद निवेशकों को वर्चुअली कंपनी की तरफ से चार से आठ फीसदी रकम खातों में जमा होने की बात कही जाती थी। रकम बढ़ने के साथ ही चक्रवृद्धि ब्याज के आधार पर मूल रकम भी बढ़ता जाता था जिस वजह से निवेशकों ने आहरण में दिलचस्पी नहीं दिखाई। वही पिछले दिनों जब विड्रॉल बाधित रहा तो कंपनी ने आहरण की नई तारीख तय की। इस तारीख को जब निवेशकों ने अपने बैंक अकाउंट की जानकारी दी तो खाते में पैसा नहीं आया बल्कि उलटे उन्हें छ हजार रुपये जमा कर केवाईसी करने को कहा गया। अब देखना होगा कि इसकी शिकायत कब होती है और शिकायत के आधार पर किस तरह की कार्रवाई की जाती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेडिंग कंपनी में करोड़ो रूपये का निवेश किया गया था जिसके डूबने की आशंका हैं।
[metaslider id="347522"]