12 जून को आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला
शासकीय भूमि पर निर्मित रायगढ़ क्लब, जिला प्रशासन के अधीन खेल सुविधाओं के लिए संचालित
रायगढ़, 24 जून 2024 I रायगढ़ शहर में स्थित रायगढ़ क्लब में अनाधिकृत आधिपत्य हेतु अनिल अग्रवाल द्वारा दायर सिविल अपील को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में 12 जून 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य के स्टेंडिग काउंसिल श्री विनायक शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन के पक्ष में पैरवी की गयी, अंतत: अनिल अग्रवाल द्वारा दायर सिविल अपील को खारिज कर दिया गया।
ईई पीडब्लूडी रायगढ़ संभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार रायगढ़ क्लब शासकीय भूमि में निर्मित एवं प्रशासन के अधीन वर्ष 1926 से स्थानीय अपंजीकृत सहकारी समीति द्वारा संचालित किया जा रहा था। रायगढ़ क्लब के भवन का संधारण जिला प्रशासन/लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता रहा है। वर्ष 2011 में क्लब परिसर में असामाजिक गतिविधियां होने के कारण तत्कालीन कलेक्टर द्वारा 01 दिसंबर 2011 को आदेश जारी कर लोक निर्माण विभाग को भवन आधिपत्य में लेने हेतु निर्देशित किया गया, निर्देश के परिपालन में भवन का आधिपत्य लोक निर्माण विभाग द्वारा लिया गया।
कलेक्टर जिला रायगढ़ के 01 दिसंबर 2011 के आदेश के विरूद्ध अनिल अग्रवाल ने हाई कोर्ट बिलासपुर में 26 अप्रैल 2012 को रिट पिटीशन दायर किया। जिसे माननीय हाई कोर्ट ने 01 नवंबर 2012 को खारिज कर दिया था। अनिल अग्रवाल द्वारा 23 नवंबर 2012 को हाई कोर्ट के डबल बेंच में रिट दायर किया गया। जिसे डबल बेंच द्वारा 11 सितंबर 2014 को खारिज कर दिया था। जिसके पश्चात सुप्रीम कोर्ट में अनिल अग्रवाल द्वारा 12 दिसम्बर 2014 को सिविल अपील दायर किया गया, जिसमें राज्य एवं जिला प्रशासन द्वारा तथ्यात्मक पक्ष एवं अभिलेख प्रस्तुत किया गया था। जिसके आधार पर वर्तमान कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में 12 जून 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य के स्टेंडिग काउंसिल श्री विनायक शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन के पक्ष में पैरवी की गयी। अंतत: अनिल अग्रवाल द्वारा दायर सिविल अपील को खारिज कर दिया गया।
वर्तमान में रायगढ़ क्लब को जिला प्रशासन रायगढ़ खेल परिसर के रूप में संचालित किया जा रहा जिससे शहर के युवाओं एवं अन्य नागरिकों को विभिन्न प्रकार के खेलों की सुविधा प्राप्त हो रही है।
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