0 योग और आयुर्वेद एक दूसरे के पूरक- नाडीवैद्य डॉ नागेंद्र नारायण शर्मा I
कोरबा, 22 जून I 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, पतंजलि युवा भारत, लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ, विश्व हिंदू परिषद एवं आयुष मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में “चलो आयुर्वेद की ओर” मिशन के तहत पतंजलि चिकित्सालय, श्री शिव औषधालय एम.आई.जी 20, आर.पी.नगर फेस 2 निहारिका कोरबा में निःशुल्क आयुर्वेद-योग चिकित्सा परामर्श, रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) एवं अस्थि खनिज घनत्व (बोन मिनिरल डेंसिटी) जांच शिविर का आयोजन किया गया,। सर्वप्रथम नाडी वैद्य डॉ नागेंद्र नारायण शर्मा, वैद्या डॉ. वागेश्वरी शर्मा एवं शिविरार्थियों ने आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धन्वंतरि एवं भारत माता के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण एवम दीप प्रज्वलन कर निःशुल्क आयुर्वेद एवं योग चिकित्सा शिविर का शुभारंभ किया गया।
शिविर में 82 रोगियों की रक्त शर्करा की निःशुल्क जांच की गई तथा 108 रोगियों की अस्थि खनिज घनत्व (बोन मिनिरल डेंसिटी) की जांच कोलकाता के टेक्नीशियन द्वारा की गई, शिविर मेंअपना इलाज कराने आये सभी 153 रोगियों को आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ नाडी वैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा एवं वैद्या डॉ. वागेश्वरी शर्मा ने उनके लिये उपयोगी आयुर्वेदानुसार आहार-विहार , दिनचर्या- ऋतुचर्या, के विषय में विस्तार से बताते हुए इससे मुक्ति हेतु निःशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा परामर्श दिया। साथ ही वैद्या डॉ.वागेश्वरी शर्मा ने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की जब तक हम तन और मन दोनों से स्वस्थ नही होंगे हम अपने आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ नही कह सकते और तन और मन को स्वस्थ रखने का उपाय योग एवं प्राणायाम है। योग एवं प्राणयाम के द्वारा ही स्वस्थ तन और स्वस्थ मन की प्राप्ति संभव है। अतः हमे इसे अपनी दैनिक जीवन मे अपनाकर कम से कम एक घंटे का समय अपने शरीर के सुस्वास्थ्य लिये योग एवं प्राणायाम को अवश्य देना चाहिये।
अवसर पर पतंजलि योग पीठ हरिद्वार के आजीवन सदस्य नाड़ीवैद्य डॉ नागेंद्र नारायण शर्मा ने शिविरार्थीयों को संबोधित करते हुये कहा कि प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगो को योग से जोड़कर उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। इसी तारतम्य में योग और आयुर्वेद को मिलाकर इस शिविर का आयोजन किया गया है। क्योंकि योग और आयुर्वेद दोनों की उत्पत्ति वेद से ही हुई है तथा दोनों एक दूसरे के पूरक हैं एवं दोनों का प्रयोजन भी एक ही है,अर्थात निरापद तरीके से सुस्वास्थ्य की प्राप्ति। शिविर में शिविरार्थियों की अस्थि खनिज घनत्व (बोन मिनिरल डेंसिटी) की जांच कोलकाता के टेक्नीशियन अभिषेक कुमार ने की ।
शिविर में रोगियों के लिए उपयोगी योगाभ्यास, मण्डूकासन, शशकासन, पादहस्तासन, वक्रासन, मर्कटासन तथा भस्त्रिका, कपालभाति एवं अनुलोम विलोम प्राणायाम का व्यक्तिगतरूप से विशेष प्रशिक्षण नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा एवं वैद्या डॉ.वागेश्वरी शर्मा द्वारा दिया गया । साथ ही मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढाने वाला एवं हिट स्ट्रोक (लू)से बचाव हेतु मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करने वाला “शीतसुधा शरबत” निःशुल्क पिलाया गया। शिविर में पहुंचे रोगियों ने शिविर के आयोजन के लिये तथा रक्त शर्करा के जांच के साथ साथ आयुर्वेद चिकित्सा परामर्श, आहार विहार की जानकारी तथा योग प्राणायाम का प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रसनता व्यक्त करते हुए अपने रोग पर नियंत्रण तथा इससे मुक्ति के प्रति विश्वस्तता का भाव प्रकट करते हुए आयोजकों एवं चिकित्सकों को साधुवाद एवं धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया। शिविर को सफ़ल बनाने में चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा, वैद्या डॉ.वागेश्वरी शर्मा, डॉ.संजय वैष्णव, श्री शिव औषधालय की संचालिका श्रीमती प्रतिभा शर्मा, बोन मिनिरल डेंसिटी जांच के टेक्नीशियन अभिषेक कुमार के अलावा अश्विनी बुनकर, मनीष कौशिक, मनोरथ रॉय, कमल धारिया, नेत्रनंदन साहू, हर्ष नारायण शर्मा, अभिषेक शर्मा (कान्हा), चक्रपाणि पाण्डेय, देवबली कुंभकार, कमला कुंभकार, सिद्धराम शाहनी, राकेश इस्पात एवं संध्या बरला ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
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