पिता ट्रक ड्राइवर थे…कभी बताने में आती थी शर्म, आज रील्स और मीम्स में छाई हुई है बेटी

‘गुल्लक’ सीरीज में बिट्टू की मम्मी और पंचायत में बनराकस की पत्नी क्रांति देवी बनकर सुनीता राजवर ने खूब सुर्खियां बटोरी. ‘पंचायत 3’ में बनराकस उन्हें प्रधान बनाने की हर मुमकिन कोशिश में जुटे हुए हैं. ‘पंचायत’ के तीसरे सीजन को लोगों का भी काफी प्यार मिला. हाल ही में सुनीता ने एक इंटरव्यू में अपने बचपन को याद किया. उन्होंने बताया कि कैसे वो अपने पिता के ट्रक ड्राइवर होने पर शर्म महसूस करती थीं. लेकिन फिर जब वो बड़ी हुई तो उन्हें समझ आ गया कि ये शर्म की नहीं गर्व की बात है l

सुनीता ने स्कूल के दिनों को याद किया. उन्होंने बताया कि अच्छी फैमिली से बिलॉन्ग करने वाले स्टूडेंट्स के साथ पढ़ाई करते हुए वो अपने पिता के ट्रक ड्राइवर होने की अहमियत को पूरी तरह से नहीं समझ पाई थीं. उन्होंने बताया कि जिस स्कूल में वो पढ़ती थीं, वहां पर सभी बच्चों के पेरेंट्स अच्छी पोस्ट पर थे. किसी के डॉक्टर, तो किसी के पापा वकील थे. सुनीता ने कहा कि स्कूल में जब भी वो अपना इंट्रोडक्शन देती थीं, तो हर बार अपने पिता का प्रोफेशन बदलकर बताया करती थीं l

काफी वक्त लग गया
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें उनके पिता के ड्राइवर होने पर इसलिए शर्म आती थी. क्योंकि उनके स्कूल में पढ़ रहे बाकी बच्चों को ड्राइवर लेने आते थे और दूसरे बच्चों के लिए फ्रेश लंच आया करता था. उन्होंने बताया कि उन्हें अपने पिता के प्रोफेशन के बारे में सबके सामने खुलकर बात करने में और अहमियत समझने में काफी वक्त लग गया. सुनीता ने ये भी शेयर किया कि उनके पिता ने अपनी फैमिली के लिए ट्रक ड्राइवर की नौकरी से पहले दुकानदार के असिस्टेंट जैसे कई और काम किए हैं l

सुनीता की फिल्में
सुनीता ने ‘पंचायत’ और ‘गुल्लक’ सीरीज से पहले कई टीवी शो और फिल्मों में काम किया है. ‘मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं’, ‘बुड्ढा मर गया’, ‘केदारनाथ’, ‘स्त्री’, ‘बाला’ जैसी कई फिल्मों में वो नजर आई हैं. इसके अलावा उन्होंने ‘सीआईडी’, ‘शगुन’, ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’, ‘रामायण’, ‘हिटलर दीदी’ जैसे टीवी सीरियल में भी काम किया है l

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