पाली पुलिस का संवेदनशील मानवीय चेहरा आया सामने,बपुलिस ने विक्षिप्त युवती को परिजन से मिलाया…भटके मुसाफिर को पहुँचाया गन्तव्य

कोरबा 14 मई (वेदांत समाचार) पाली पुलिस ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए एक विक्षिप्त युवती को जहां उनके परिजनों के सुपुर्द किया वहीं दूसरी ओर एक भटके मुसाफिर को उसके गंतव्य तक पहुंचाने मदद की।


कॅरोना महामारी के दौर में पुलिस एक ओर जहां लॉक डाउन को सख्ती से पालन कराने कार्य कर रहा है वहीं दूसरी ओर सामाजिक सरोकार भी बखूबी निभा रहा है।जरूरतमंदों को राशन आदि उपलब्ध करा रहा है वही पाली पुलिस का संवेदनशील मानवीय चेहरा भी सामने आया है।जिसमे उसने एक भटके मुसाफिर को और एक अर्धविक्षिप्त युवती को उनके परिजनों से मिलाया।


भटके मुसाफिर को भेजा गन्तव्य

समीपस्थ ग्राम आवासपारा मुंनगाडीह में ग्रामीणों ने कल एक 50 वर्षीय भूखे प्यासे व्यक्ति को बदहवास हालत में देखा।पहले अर्धविक्षिप्त समझ कर भोजन पानी उपलब्ध कराया।पूछताछ करने पर उसने अपना परिचय शोभाराम पिता लखनलाल जाती लोधी राजपूत ग्राम नयागांव तहसील पिछोर जिला शिवपुरी ( म प्र ) का निवासी बताया।उसके पास उपलब्ध कुछ दस्तावेज से भी इसकी पुष्टि हुई ।उसने बताया कि वह हरियाणा के किसी खान नामक सीमेंट ब्यवसायी के घर काम करता था व अपने पत्नी व तीन बच्चों से बिछड़ जाने की बात बता कर कटनी से दिशा ज्ञान भूलकर यहाँ आने की जानकारी दी तथा अपने घर पहुचाने की मदद मांगी।इसकी जानकारी जन प्रतिनिधि शंकर दास महंत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की। जिसे पाली थाना प्रभारी लीलाधर राठौर ने संज्ञान में लेते हुए उक्त भूले भटके राही को भोपाल तक के लिए आवश्यक यात्रा भत्ता के साथ रवानगी पत्र दिया गया है जिन्हें कुछ कपड़े व आर्थिक मदद देकर गाँव के दो लड़कों के साथ बिलासपुर रेल्वे स्टेशन भेजा गया।जो रात्रि 9,00 बजे अमरकंटक सुपर फास्ट से भोपाल के लिए रवाना कर दिया गया है।

परिवार से मिली अर्धविक्षिप्त युवती

पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक निवासी एक अर्धविक्षिप्त युवती जो कल रात्रि में लम्बी दूरी की बस में बैठ गई थी।
कंडक्टर के काफी पूछने पर कभी बिलासपुर, रतनपुर, तो कभी रायपुर जाने के लिए कह रही थी। जिस पर कंडक्टर को युवती के दिमागी संतुलन ठीक नहीं होने का आभास हुआ और उसने पाली थाना के पास आकर थाना स्टाफ को सूचना दिया गया।थाना प्रभारी लीलाधर राठौर ने युवती से पूछताछ की।उसके पास एक कागज मिला जिसमे एक मोबाइल नंबर भी था। थाना स्टाफ के द्वारा युवती के दिए हुए नंबर पर फोन किया गया तब उस युवती के पिताजी से बात होने पर बताया गया कि उसकी बेटी की मानसिक स्तिथि सही नहीं है।उसने बताया कि उसका ससुराल पाली के निकट ही ग्राम उड़ता है।लड़की के मामा मामी से बात कर उसे ग्राम उड़ता में ले जाकर परिजनों को सौंपा दिया गया।इस मामले में बस कंडक्टर की समझदारी और पाली पुलिस की टीम महिला आरक्षक अनीता जगत,आरक्षक राजेश राठौर, रवि गुप्ता ,आदि पाली थाना स्टाप की सक्रियता के कारण युवती रात्रि में ही अपने परिजनों के पास वापस पहुंच गई।