Success Story : छत्तीसगढ़ के JEE टॉपर रिदम केडिया की कहानी, रोजाना 10 घंटे पढ़ाई, पहले अटेम्प्ट में 4th रैंक; बेटे के लिए मां ने छोड़ा था घर

JEE एडवांस्ड 2024 के रिजल्ट जारी हो गए हैं। रायपुर टांटीबंध के रहने वाले रिदम केडिया ने देश में 4th रैंक हासिल की है। रिदम ने अपनी सफलता का श्रेय पेरेंट्स को दिया है। रिदम IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस से पढ़ाई कर करियर बनाना चाहते हैं। रिदम ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि पढ़ाई के दौरान खुद को रिफ्रेश करने के लिए तारक मेहता का शो देखते थे और दोस्त के साथ बैडमिंटन खेलते थे।

रिदम के सक्सेस के पीछे उनकी मां का बहुत बड़ा सपोर्ट रहा है। बेटा अच्छे से पढ़ाई कर पाए और उसे कोई परेशानी ना हो इसलिए रिदम की मम्मी गरिमा केडिया को घर छोड़ना पड़ा और वे बेटे को एग्जाम की तैयारी कराने के लिए कोटा में ही रहीं। उनके पिता संजय केडिया का रायपुर में बारकोडिंग सॉल्यूशन का बिजनेस है।

परिवार के साथ रिदम केडिया।

परिवार के साथ रिदम केडिया।

पहले अटेम्प्ट में हासिल किया चौथा रैंक

रिदम केडिया ने पहले ही अटेम्प्ट में JEE एडवांस्ड में चौथा रैंक हासिल किया है। रिदम ने 12th एग्जाम में 97.8℅ मार्क्स लाए हैं।

मम्मी-पापा का ड्रीम पूरा करके खुश हूं

रिदम केडिया ने 4th रैंक हासिल करने पर कहा 2 साल से जिस एग्जाम की तैयारी कर रहा था उसमें सफल होकर अच्छा लग रहा है। मेरा ड्रीम था कि मुझे अच्छी रैंक के साथ अच्छी कॉलेज मिले । मेरे पेरेंट्स का भी यही ड्रीम था। उनका सपना पूरा करके बहुत अच्छा लग रहा है।

रोजाना 10 घंटे की पढ़ाई

रिदम ने बताया कि स्कूल और कोचिंग के अलावा घर में 5-6 घंटे पढ़ाई की । रोजाना कोचिंग क्लास में 5 घंटे पढ़ाई होती थी। जिस दिन कोचिंग नहीं होती थी। उस दिन घर में 10 से 12 घंटे पढ़ाई करता था। सेल्फ स्टडी के दौरान एग्जाम में मुझे काफी हेल्प मिली। इसके अलावा भी जब कोई डाउट लगता तो उसे लिखकर रख लेता और टीचर्स से डिस्कस करता।

टीचर्स जो होमवर्क दिया करते थे मैं पूरा करता था । इसके अलावा जो समय बचता था मैं केमिस्ट्री सब्जेक्ट की पढ़ाई करता था। मेरी प्रायोरिटी यही होती थी कि जो मुझे होमवर्क दिया जा रहा है। मैं उसे पहले कंप्लीट कर लूं जो भी टाइम बचता उसमें एक्स्ट्रा पढ़ाई किया करता था।

पेरेंट्स का रहा सपोर्ट

रिदम ने बताया कि मेरे बड़े भाई ने कोटा में रहकर जेईई की तैयारी की थी । मेरे पेरेंट्स को आइडिया था कि कोटा में पढ़ाई अच्छी होती है। इसलिए मुझे भी कोटा तैयारी के लिए भेजा गया। मैं 11th में कोटा आया। यहां अकेले रहकर पढ़ाई की लेकिन 12th में मम्मी रायपुर का घर छोड़कर कोटा आई और साथ रहने लगी, जिससे मुझे काफी सपोर्ट मिला।

पढ़ाई के दौरान कोई भी परेशानी होती थी तो मोटिवेट करती थी और हमेशा हेल्दी फूड दिया करती थी।

सेल्फ मोटिवेशन ने मदद की
रिदम ने बताया कि पढ़ाई के दौरान मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। शुरू से ही मेरा इंटरेस्ट पढ़ाई में रहा और सेल्फ मोटिवेशन था जिससे हमेशा मदद मिलती रहती थी। जब कभी किसी टेस्ट में मेरा परफॉर्मेंस खराब होता तो मुझे पेरेंट्स और टीचर्स का बहुत सपोर्ट मिलता था।

कविता लिखने का शौक

रिदम केडिया ने बताया कि सोशल मीडिया पर मैं नहीं हूं। लेकिन जब भी मुझे माइंड फ्रेश करना रहता था, मैं गाना गाता और सुनता था । मुझे स्पोर्ट्स भी बहुत पसंद है। इसलिए एक्सरसाइज के लिए मैं अपने दोस्त के साथ बैडमिंटन खेलता था। जब भी मुझे समय मिलता है । मैं कविता भी लिखता हूं।

10 जून से शुरू होगी काउंसलिंग

एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट रायपुर के सेंटर हेड कुणाल सिंह ने बताया कि इस वर्ष 1 लाख 86 हजार 584 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसमें 1 लाख 80 हजार 200 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए, इनमें से 48 हजार 448 स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए योग्य घोषित किया गया।

सिंह ने बताया कि देश के आईआईटी एनआईटी सहित 121 इंजीनियरिंग संस्थानों की 50 हजार से अधिक सीटों के लिए कराई जा रही काउंसलिंग 10 जून से शुरू होगी। 5 राउण्ड में होने वाली काउंसलिंग के लिए स्टूडेंट्स 10 से 18 जून के मध्य 600 से अधिक कॉलेज ब्रांचेंस की प्राथमिकता तय कर सकेंगे।

काउंसलिंग का कट ऑफ

कुणाल सिंह के अनुसार काउंसलिंग के लिए कुल क्वालिफाई किए गए 48,248 स्टूडेंट्स में सामान्य श्रेणी का औसतन कटऑफ 30.34 प्रतिशत और विषयवार प्रतिशत 8.68 प्रतिशत, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस का औसतन 27.30 प्रतिशत और विषयवार 7.8 प्रतिशत, एससी- एसटी की औसतन 15.17 और विषयवार 4.34 प्रतिशत रहा। यह कटऑफ गत वर्ष सामान्य श्रेणी के कटऑफ 23.89 से 6.45 प्रतिशत बढ़ा।

ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी का कटऑफ गत वर्ष की 21.5 से 5.8 प्रतिशत बढ़ा। ऐसे ही एससी और एसटी का गत वर्ष 11.95 से 3.22 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इस वर्ष वर्ष के मुकाबले 4479 अधिक स्टूडेंट्स को क्वालिफाई किया गया है, फिर भी कटऑफ में बढ़ोतरी हुई है।

280 मार्क्स लाने वालों के लिए संभावनाएं

जेईई-एडवांस परीक्षा कुल 360 अंकों की हुई, जिसमें पेपर-1 और पेपर-2 दोनों ही 180 -180 अंकों के थे। ऐसे स्टूडेंट्स जिनके 280 से अधिक मार्क्स हैं, उन्हें टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना है। विद्यार्थियों की फर्स्ट चॉइस देखें तो आईआईटी मुंबई सीएस ब्रांच रहती है। इसके बाद दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस को देते हैं।

तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है। 280 से 250 मार्क्स के मध्य दिल्ली, कानपुर की एमएनसी या चारों आईआईटी की इलेक्ट्रिकल, खड़गपुर की सीएस मिल सकती है। 250 से 225 मार्क्स के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है।

225 से 170 के बीच मार्क्स लाने वालों के लिए संभावना

एक्सपर्ट के अनुसार 225 से 170 के बीच मार्क्स प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधी नगर, इंदौर, रूपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस के अतिरिक्त अन्य ब्रांच मैकेनिकल, केमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना है।

170 से 150 मार्क्स के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, केमिकल, मेटलर्जी एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है।

150 से 125 के बीच मार्क्स लाने वालों के लिए संभावना

150 से 125 के बीच मार्क्स प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने 7 आईआईटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना है।

125 से 110 के मध्य मार्क्स प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नई आईआईटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांचें मिलने की संभावना है। इन मार्क्स पर आईआईटी की ब्रांच मिलने की संभावनाएं कैटेगरी ओबेसी, ईडब्लूएस , एससी -एसटी के अनुसार परिवर्तित होगी । साथ ही छात्राओं को दिए गए 20 प्रतिशत फी-मेल पूल कोटे से उपरोक्त आईआईटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं कम मार्क्स तक बन सकती है।