0.कार्यशाला में जल संरक्षण की तकनीकों के संबंध में दी गई जानकारी
0.जल संरक्षण और आर्टिफिशियल रिचार्ज स्ट्रक्चर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किए जा रहे सामूहिक प्रयास
राजनांदगांव, 8 जून 2024 । जल की कमी और बढ़ती हुई मांग को देखते हुऐ जल रक्षा और प्रबंधन आज की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सुरूचि सिंह और केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के प्रादेशिक निदेशक रायपुर डॉ. प्रबीर कुमार नायक द्वारा जनपद पंचायत राजनांदगांव और खैरागढ़-छुईखड़ान-गंडई जिले के खैरागढ़ जनपद के पंचायतों का निरीक्षण किया गया। जिले के जनपदों में घटते भू-जल स्तर के उपाय करने के लिए नवीन कृत्रिम वॉटर रिचार्ज स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य किया गया है। वर्षा के जल को ग्राम पंचायतों के स्तर पर रोककर भू-जल में वृद्धि करने के उद्देश्य से मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, कृषि, वन और जल संसाधन विभाग द्वारा जीआईएस का उपयोग करके नए स्थल का चयन कर नवीन कार्य प्रारंभ किए जा रहे हैं। नवीन चयनित स्थलों के निरीक्षण के लिए केंद्रीय भूमि जल बोर्ड रायपुर के टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। निदेशक केंद्रीय भूमि जल बोर्ड डॉ. नायक ने तकनीकी मार्गदर्शन दिया। जिले की नई पहल मिशन जल रक्षा के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की सराहना की। जिला पंचायत राजनांदगांव और केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में जिला पंचायत के सभा कक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में बताया गया कि हमारे विशेषज्ञों की टीम ने आधुनिक और प्रभावी आर्टिफिशियल रिचार्ज स्ट्रक्चर डिजाइन किए हैं, जो विभिन्न भूगर्भीय परिस्थितियों के अनुकूल हैं। जल संरक्षण तकनीक की यह तकनीक परंपरागत और आधुनिक जल संरक्षण तकनीकों का मिश्रण है। जिसमें बारिश का पानी संचयन, मिनी पर्कोलेशन टैंक, स्ट्रैगर ट्रेंच, चेक डैम और नदियों के पुनर्जीवन के उपाय शामिल हैं। इसके अंतर्गत स्थानीय समुदायों और किसानों के साथ मिलकर कार्य करते हुए, उन्हें प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करना। कार्यशाला में केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के प्रादेशिक निदेशक रायपुर डॉ. प्रबीर नायक ने कहा कि जीआईएस के माध्यम से लिनियामेंट फै्रक्चर लाइन में नवीन स्थल चयन करके अधिक से अधिक भू-पुनर्भरण क्षेत्रों में सहायक सिद्ध होगा। स्थानीय समुदायों और सरकारी संस्थानों के साथ मिलकर इन स्ट्रक्चर्स का निर्माण और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी नागरिक, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से अपील की है कि वे जल संरक्षण और आर्टिफिशियल रिचार्ज स्ट्रक्चर के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। जल हमारी अमूल्य संपत्ति है और इसे सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है।
आइए सभी मिलकर जल संरक्षण के इस महाअभियान को सफल बनाएं और भविष्य की पीढिय़ों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध जल संसाधन छोड़ें। इस महत्वपूर्ण पहल में अपना समर्थन दें और जल संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। इस कार्यशाला में डायरेक्टर व साइंटिस्ट और साइंटिस्ट एन राव, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, एपीओ मनरेगा, जनपद सीईओ व एपीओ खैरागढ़, एसडीओ खैरागढ़, सीएफपी टीम और तकनीकी सहायक उपस्थित रहे।
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