रायपुर, 06 जून । छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना के लाभार्थियों की पात्रता फिर से जांचने की तैयारी की जा रही है। जांच में गलत तरीके से योजना का लाभ लेना पाए जाने पर अपात्र हितग्राहियों से राशि की वसूली भी होगी। विभाग ने यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाने का निर्णय लिया है जिसमें योजना का लाभ अपात्र महिलाओं के द्वारा लिए जाने की बात सामने आई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार शासकीय सेवा में पदस्थ, सेवानिवृत्त या पेंशन का लाभ ले रहीं बहुत सी महिलाओं ने आवेदन किया और उनमें से कई महिलाएं योजना से लाभान्वित भी हो रही हैं। ऐसे भी मामले आए हैं, जिनमें एक ही आवेदक ने दो- दो आवेदन किए और दोनों ही स्वीकृत हो गए हैं। ऐसी महिलाओं के खाते में दो-दो बार राशि हस्तांरित हो रही है।
ऐसे अधिकतर मामलों में आवेदकों ने स्वयं के अलावा अपने पति या स्वजन का भी आधार कार्ड नंबर आवेदन में लगाया था। सत्यापन के दौरान यह पकड़ में नहीं आया। विभाग एक नाम वाले 20 हजार से अधिक आवेदनों की जांच कर रहा है। इनमें नाम, पता, जन्मतिथि समान हैं।शासकीय सेवा में पदस्थ एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उनके दोस्त की पुत्रवधु रायपुर के विश्वविद्यालय में कर्मी हैं, इसके बाद भी योजना का लाभ मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ में अभी भी बहुत सी पात्र महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिला है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उन्हें महतारी वंदन योजना 2.0 शुरू होने की उम्मीद है। चुनाव आचार संहिता लागू होते ही आवेदन जमा करने की प्रक्रिया बंद कर दी गई थी। 10 मार्च को महतारी वंदन योजना की पहली किस्त जारी की गई थी। पीएम मोदी ने 70.14 लाख से अधिक महिलाओं को 655.57 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की थी।
दो लाख से अधिक खाते आधार से नहीं हुए लिंक
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वाली दो लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हुए थे। इससे महिलाएं महतारी वंदन योजना की पहली किस्त से वंचित हो गई थी। पहली किस्त जारी होने के अंतिम दिन तक आधार से खातों को लिंक करने की प्रक्रिया चली थी। इसके बाद पहली किस्त से वंचित महिलाओं को दूसरी किस्त में राशि जारी हुई थी। गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लेने वालों की जांच कराई जाएगी। अधिकारियों को पारदर्शिता के निर्देश दिए गए हैं। हितग्राहियों के आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। – लक्ष्मी राजवाड़े मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग
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