0. विश्व पर्यावरण दिवस प्रदूषण मुक्त बनाकर उसकी सुरक्षा और संरक्षण हेतु किया जाने वाला एक सकारात्मक प्रयास है — डॉ. संजय गुप्ता ।
पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है, जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात जो हमारे चारों ओर है, और आवरण‘ अर्थात जो हमे चारों ओर से घेरे हुए है । पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासयनिक एवं जैविक कारकों की कुल इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविका को तय करते हैं ।
विश्व पर्यावरण दिवस प्रत्येक वर्ष 5 जून को बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण को सुरक्षित स्वस्थ्य और सुनिश्चित बनाने के लिए नई और प्रभावी योजनाओं को लागू करने के द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने के लिए मनाया जाता है । इसकी घोषणा 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा पर्यावरण पर विशेष सम्मेलन ‘‘स्टॉकहोम मानव पर्यावरण सम्मेलन‘‘ के उद्घाटन पर हुई थी । यह पूरे संसार के लोगों के बीच पर्यावरण के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ ही पृथ्वी पर साफ और सुंंदर पर्यावरण के संदर्भ में सक्रिय गतिविधियों के लिए लोगों को प्रोत्साहित और प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल मनाया जाता है । विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर ध्यान केन्द्रित करने और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाकर उसकी सुरक्षा और संरक्षण हेतु किया जाने वाला एक सकारात्मक प्रयास है ।
पर्यावरणीय समस्याएँ जैसे प्रदूषण जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिए प्रेरित कर रही हैं और पर्यावरण संरक्षण और प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है ।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु जी एम ऑफिस गेवरा में आयोजित पर्यावरण संरक्षण समारोह में ड्राइंग,स्लोगन एवं निबंध लेखन के माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया । एसईसीएल गेवरा द्वारा आयोजित इस समारोह में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने अलग-अलग प्रतियोगिताओं में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया । इन प्रतियोगिताओं में क्रमशः ड्राइंग, स्लोगन राइटिंग, एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्रतियोगिताओं का विषय भूमि बहालीकरण, मरुस्थलीकरण एवं सूखा लचीलापन था।
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने दीपका के अपनी आकर्षक प्रस्तुतियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का सराहनीय प्रयास किया । इसी तारतम्य में एसईसीएल गेवरा के द्वारा आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में आईपीएस दीपका के विद्यार्थियों क्रमशः झील श्रीवास,आदित्य,संगम सिहाग,वैष्णवी कंवर,पायल साहरन, साएशा नरवाल,निधि वर्मा,पलक श्रीवास, रोहन चंद्रा,सिमरन सिमरन साहरन,ऋतु वर्मा,सौम्य साहू,ऋषभ सिंह,सुभाग्य राजपूत,मयंक चंद्रा,अन्वी साहू,गिरीनंदनी, आयशा सिंह,वैष्णवी कंवर एवं,पल्लवी उइके
को एसईसीएल गेवरा के जी एम श्री एस के मोहंती जी के द्वारा पुरस्कृत किया गया एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति आईपीएस दीपका के द्वारा किये गये प्रयास की सराहना की गई ।
गौरतलब है कि इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने विद्यालय परिसर में भी विभिन्न फलदार एवं औषधीय पौधों का रोपण किया तथा लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति भी जागरूक करने का प्रयास किया।
एसईसीएल गेवरा के जीएम श्री एसके मोहंती सर ने अपने प्रेरक उद्बोधन मेंं कहा कि पर्यावरण संरक्षण जैविक संतुलन बनाए रखने, प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने और मानव स्वास्थ्य को पर्यावरण प्रदूषण से होने वाले खतरों से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा, पर्यावरण को संरक्षित करने से प्राकृतिक आपदाओं, सूखे और जलवायु परिवर्तन को कम करके बेहतर रहने का वातावरण बनाने में भी मदद मिलती है।पृथ्वी मनुष्यों का एकमात्र साझा घर है, एक ऐसी जगह जो हमें ताज़ी हवा, ठंडा पानी और बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन प्रदान करती है। हालाँकि, आज पर्यावरण कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है जैसे पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का नुकसान, आदि जो सीधे मानव जीवन और स्वास्थ्य को खतरे में डालते हैं। समाज का सतत विकास। इसलिए पर्यावरण संरक्षण पहले से कहीं अधिक जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य बन गया है, जिसके लिए पूरे समाज के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने भी आगंतुक अतिथियों के साथ विद्यालय परिसर में पौधरोपण कर प्रकृति का श्रृंगार किया तथा संदेश दिया कि स्वयं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के पहले प्राथमिकता के साथ हमें पृथ्वी के प्रत्येक वनस्पतियों की सुरक्षा एवं संरक्षण में ध्यान देना होगा।हम पेड़ लगाकर भूल न जाएं बल्कि निरंतर उनकी देखभाल करते रहें।उन्हें परिवार के सदस्य की तरह प्यार दें।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता जी ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा का दायित्व हम सबका है यदि हमें भावी पीढ़ी को सुरक्षित सम्पन्न व निरोगी देखना है तो पर्यावरण सुरक्षा के प्र्र्रति हमें आज ही गंभीर होना पड़ेगा नहीं तो आज जिस कदर इंसान विकास की होड़ में निरंतर पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहा है इसका दूरगामी परिणाम भुगतना पड़ेगा । हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर उसकी सुरक्षा और संरक्षण को सुनिश्चित करना चाहिए एवं विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों जैसे- जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, थल प्रदूषण इत्यादि प्रदूषणों को जनजागरूकता के माध्यम से नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए ।
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