राजनांदगांव। रिटर्निंग ऑफिसर ने कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल के आरोपो का खंडन किया है। जिसमें लिखा है कि इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी द्वारा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र 6 राजनांदगांव में मतदान के बाद फार्म 17 सी में दी गई जानकारी के अनुसार बहुत सी मशीनों के नंबर बदले जाने की शिकायत करते हुये चुनाव आयोग से जवाब मांगा है कि किन परिस्थितियों में मशीनें बदली गई है और चुनाव परिणाम पर होने वाले असर के लिए कौन जिम्मेदार होगा।
निर्वाचन 2024 की घोषणा के बाद ईव्हीएम मशीनों का प्रथम रेण्डमाईजेशन भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा प्रदत्त सॉफ्टवेयर से करते हुए मशीनों को विधानसभावार आंबटित करते हुए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को इसकी सूची प्रदान किया गया। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के समक्ष द्वितीय रेण्डमाईजेशन कर उन्हें हस्ताक्षरित सूची प्रदाय किया गया है। मशीनों की कमीशनिंग के दौरान खराब मशीनों के स्थान पर रिजर्व से मशीनों कमीशनिंग कर खराब एवं उसके स्थान पर लगाई गई मशीन की सूची प्रदाय कर पावती लिया गया है।
मॉक पोल के दौरान एवं वास्तविक मतदान के दौरान खराब होने वाली मशीनों को रिजर्व की मशीनों से अंतरित कर इसकी सूची भी सभी प्रत्याशियों को दिया गया है। मतदान केन्द्रों पर अभ्यर्थियों के मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थित में मशीन के नंबर एड्रेस टैग, मतपत्र लेखा 17 सी भाग 1, पीठासीन की डायरी, मॉक पोल सर्टिफिकेट इत्यादि कई दस्तावेजों में अंकित किये जाते हैं, जिनसे मतगणना के दौरान मिलान किया जा सकता है। पीठासीन अधिकारी से लिपकीय त्रुटि हो सकती है। मतदान के दौरान उन्ही मशीनों का उपयोग किया गया जिसकी सूची समय-समय पर अभ्यर्थियों को प्रदाय किया गया है।
उक्त संपूर्ण प्रकिया पूर्णतः पारदर्शी है तथा प्रत्येक स्तर पर अभ्यर्थी के अभिकर्ता एवं प्रतिनिधि उपस्थित होकर अवलोकन करते है। मतदान केन्द्र पर उपस्थित मतदान अभिकर्ता स्वंय मशीन के नम्बर देखकर विभिन्न दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते है। मतगणना के दौरान मशीन एवं दस्तावेज परस्पर मिलान कर लिपकीय त्रुटि का सुधार किया जा सकेगा। शिकायतकर्ता की शिकायत निराधार है तथा तथ्यों से परे है।
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