विश्व दुग्ध दिवस के दिन धार जिले में 13 दुधारू पशुओं की जहरीला चारा खाने से हुई मौत

विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर दुधारू पशुओं के साथ हुए हादसे ने पशुपालकों को शोक में डाल दिया है। नालछा विकासखंड के बगड़ी, सगड़ी एवं भीलखेड़ी गांव के पशुपालकों के 16 दुधारू पशुओं ने ग्राम मुंडला फाटे पर कटी हुई ज्वार की जहरीली चरी खा ली। इससे 13 पशुओं की मौत हो गई। जबकि तीन पशुओं का उपचार चल रहा है।

जहरीली चरी खाने के बाद मवेशी खेत में ही तड़पकर दम तोड़ने लगे। मौके पर पशु चिकित्सा विभाग का अमला पहुंचा और तुरंत मवेशियों का उपचार शुरू किया। इधर, इतनी बड़ी संख्या में दुधारू पशुओं की मौत के बाद हड़कंप मच गया था।

पशु चिकित्सक डा. राजेंद्र वास्केल ने बताया कि मुंडला फाटे से सूचना मिली थी कि जहरीली चरी खाने से मवेशी बीमार हुए हैं। मौके पर डा. पंकज जैन, डा. दिलीप गावर एवं डा. युवराज परमार पहुंचे और तुरंत मवेशियों का उपचार शुरू किया। डा. वास्केल ने बताया कि जब हम वहां पहुंचे तो पशु खेत में तड़प रहे थे।

डा. वास्केल ने बताया कि 16 पशुओं ने जहरीली चरी खाई थी, जिसमें से मौके पर ही सात पशुओं ने दम तोड़ दिया था। छह मवेशियों ने उपचार के बाद दम तोड़ा। मौके पर ही हमने तड़पते पशुओं का उपचार शुरू कर दिया था।

0 इन पशुपालकों के मवेशियों की हुई मौत
ग्राम सगड़ी के सुरेश सिंह मीणा के सात पशुओं ने जहरीली चरी खाई थी, जिसमें दो गाय की मौके पर मौत हो गई। दो गाय की उपचार के बाद मौत हो गई। तीन पशुओं का उपचार चल रहा है। ग्राम भीलखेड़ी के जबर सिंह रामलाल के तीन मवेशी मृत हुए हैं, जिसमें गाय भैंस एवं बछड़ा शामिल है।

सुभाष लक्ष्मण का पाड़ा एवं गाय ने दम तोड़ा। कमल पुत्र लक्ष्मण की भैंस की मौत हो गई। जबकि अंतर सिंह उमराव की भैंस का उपचार चल रहा है। बगड़ी के कुलदीप बिलावलिया के तीन पशुओं ने जहरीली चरी खाई थी, जिसमें भैंस एवं गाय ने दम तोड़ दिया। जबकि एक गाय का उपचार चल रहा है।

0 काटने के बाद ज्वार का बचा हिस्सा हो जाता है जहरीला
पशु चिकित्सक डा. कनेल ने बताया कि ज्वार की चरी काटने के बाद बचा हुआ हिस्सा अंकुरित हो जाता है, जो गर्मी के कारण जहरीला हो जाता है। इसे पशु खाते ही बीमार होते हैं और मौत हो जाती है। इसलिए हम किसानों को सलाह देते हैं कि ज्वार की चरी काटने के बाद बचे हिस्सों को तुरंत नष्ट कर देना चाहिए।

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