असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बना कालेज मैदान

अंबिकापुर, 30 मई 2024। अंबिकापुर का ऐतिहासिक कालेज मैदान शराबखोरी का अड्डा बनता जा रहा है। एनसीसी के पूर्व छात्र सैनिकों ने बुधवार सुबह यहां अभियान चलाया तो कुछ ही घंटों में यहां शराब की बोतलों से 22 बोरे भर गए। शराब की बोतलों से भरे बोरियों को एनसीसी के पूर्व छात्र सैनिकों को नवापारा स्थित ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलआरएम) केंद्र में पहुंचा दिया। एनसीसी के पूर्व छात्र सैनिकों ने उम्मीद जताई है कि कालेज मैदान में खुलेआम शराबखोरी के विरुद्ध पुलिस अब प्रभावी कार्रवाई करेगी। दरअसल कालेज मैदान में पैदल घूमने वाले पिछले कुछ समय से परेशान थे। वाकिंग ट्रैक और उसके आसपास शराब की खाली बोतलों को फेंका जा रहा था। टूटे बोतल और कांच से खतरा भी रहता था।

शराब की इतनी बोतलें मिली कि 22 बोरे भर गए

एनसीसी के पूर्व छात्र सैनिकों को जब इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने कालेज मैदान क्षेत्र से शराब की बोतलों को हटाने का निर्णय लिया। बुधवार सुबह पूर्व छात्र सैनिक राकेश तिवारी, नवनीत त्रिपाठी, संजीव तिवारी, सुभाष राय, अजय तिवारी, सुरेंद्र तिवारी, एसके शेषाद्रि, संजय गोड़े, राजेश अग्रवाल लिली, संजय सिंह,राजीव पाठक, ग्रुप की सबसे छोटी सदस्य दृष्टि(धीरा) कालेज मैदान पहुंचे। बाउंड्री वाल के किनारे वाकिंग ट्रैक के आसपास शराब की खाली बोतलों को देख पूर्व छात्र सैनिक भी अवाक रह गए। बिना समय गंवाए इन्होंने बोतलों को बोरों में भरना शुरू किया। देखते ही देखते शराब की बोतलों से 22 बोरे भर गए। सर्वाधिक शराब की बोतलें वाकिंग ट्रैक के पास तथा हाकी स्टेडियम परिसर में मिला। इतनी बड़ी मात्रा में शराब की खाली बोतलों के मिलने से स्पष्ट है कि पुलिस का तनिक भी ध्यान कालेज मैदान की ओर नहीं है। बेख़ौफ यहां शराबखोरी हो रही है। मालूम हो कि कालेज मैदान शहर का सबसे बड़ा मैदान है। यहां खेल गतिविधियों के अलावा राजनैतिक और धार्मिक कार्यक्रम भी होते है।

अंबिकापुर शहर के अंबेडकर चौक से बनारस की ओर जाने वाले मार्ग पर ही कालेज मैदान का अहाता आरंभ हो जाता है। मुख्य सड़क और अहाता के बीच के शासकीय जमीन पर अतिक्रमण की बाढ़ सी आ गई है। दर्जनों ठेला, गुमटी के अलावा स्थाई रूप से व्यवस्थित निर्माण करा लिया गया है। झोपड़ियों के समान निर्माण करा कर व्यबसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। इन दुकानों के सामने यातायात व्यबस्था भी चौपट रहती है। निगम ने पूर्व में इस क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी लेकिन अब फिर से क्षेत्र में अतिक्रमण और कब्जा का दायरा बढ़ाकर असामाजिक गतिविधियां संचालित करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है।