इंदौर। चंदन नगर थाना क्षेत्र के अहमद नगर में रविवार अलसुबह बोरी में बंद एक वृद्ध महिला का शव मिला था. इस मामले का पुलिस ने मात्र 6 घंटे में ही खुलासा कर दिया. जांच पड़ताल में पुलिस को जानकारी मिली की बीमारी से महिला की मौत हो गई थी. लेकिन उसके पति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. उसके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उसने शव को बोरे को बांधकर छोड़ दिया गया था. इंदौर डीसीपी ऋषिकेश मीणा आज प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले का विस्तार से खुलासा करेंगे.
जानकारी के मुताबिक, इंदौर के चंदननगर क्षेत्र के अहमद नगर में कांग्रेस नेता के घर के सामने धार रोड पर रविवार अलसुबह बोरी में बंद अज्ञात महिला की लाश मिली थी. घटनास्थल के आसपास काफी तेज बदबू आ रही थी. साथ ही कुत्ते सहित अन्य जानवर उस बोरे में से शव को नोच-नोचकर खा रहे थे. रहवासियों ने पूरे मामले की जानकारी नगर निगम के कर्मचारियों को दी और नगर निगम के कर्मचारी जब मौके पर पहुंचे और बोरे को खोलकर देखा तो उसमें लाश थी. इसके बाद पूरे मामले की जानकारी चंदन नगर पुलिस को दी गई. चंदननगर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लाश को बरामद कर लिया. पुलिस संभावना जता रही थी कि किसी व्यक्ति ने 50 साल की महिला की हत्या कर बोरे में बंद कर उसके शव को ठिकाने लगा दिया. महिला के शरीर पर कई जगह पर चोट के निशान भी थे.
पति ने किया चौंकाने वाला खुलासा
जैसे ही शव के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना मिली तो मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस टीम का गठन किया. पुलिस टीम ने छानबीन शुरू कर मृतिका का पोस्टमार्टम करवाया एवं उसके हुलिया के आधार पर क्षेत्र में पूछताछ की. तब मृतिका की पहचान हुई. मृतका वृद्ध पति मदन नरगावे के साथ राजकुमार नगर बाक में किराए से रहती थी. इसके बाद उसके पति मदन नरगावे से पूछताछ की गई तब मामले का खुलासा हुआ.
बीमारी से हुई थी महिला की मौत
मृतिका के पति मदन ने बताया कि वह दोनों वृद्ध पति-पत्नी किराए के कमरे में रहते थे. वे आर्थिक और शारीरिक रूप से कमजोर है. मृतिका काफी समय से बीमार थी उसका इलाज करने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे. बीमारी और गर्मी के कारण महिला ने बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात में दम तोड़ दिया. किंतु यह बात वह समाज के सामने बताने में शर्म महसूस कर रहा था. वह छोटे से कमरे में अपने पास पत्नी का शव तीन दिन तक रखे रहा. जब उसके शव से बदबू आई तो पड़ोस वालों ने चर्चा करना शुरू कर दिया.
अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, इसलिए फेंका शव
इसके बाद मदन ने अपनी पत्नी के शव को साड़ी में लपेटकर और एक नायलॉन की बोरी में भरकर अपने कंधों पर रख घर के करीब 200 मीटर दूर मोहल्ले की दूसरी ओर सड़क पर छोड़ दिया. वहां से वापस अपने घर चला गया और फिर पश्चाताप के लिए राज मोहल्ला के गार्डन में बैठा रहा. जहां से पुलिस ने उसे तलाश कर लिया और पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया. मदन मानसिक रूप से कमजोर है, वह अपनी मृत पत्नी की लाश की अंतिम संस्कार की रस्म को निभा नहीं पाया और मोहल्ले वालों की शिकायत और डर से लाश को बोरी में रखकर फेंक दिया था.
इंसानियत फिर हुई शर्मसार
फिलहाल इस तरह की घटना सामने आने के बाद समाज पर कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि घर के आसपास बुजुर्ग दंपति के कई और लोगों का रहना भी था. लेकिन बुजुर्ग दंपति की किसी ने भी आर्थिक रूप से मदद नहीं की. जिसके कारण एक बुजुर्ग को अपनी पत्नी की मौत होने के बाद इस तरह से उसके शव को छोड़ना पड़ा. फिलहाल अब घटना के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही समाजसेवी संगठन किस तरह से बुजुर्ग की मदद करते हैं यह देखने लायक रहेगा.
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