डेस्क । प्राकृतिक तरीके से इलाज में ऐसा माना जाता है कि जिन चीजों से प्रकृति बनी है उन्हीं चीजों से शरीर शरीर भी बना है। इसलिए अगर शरीर में कोई रोग दोष उत्पन्न हो जाए, तो प्राकृतिक चीजों से होने वाला इलाज जल्द और ज्यादा असरदार होता है। प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी, जल, वायु, धूप आदि से इलाज किया जाता है। इन्हीं में से एक है मड थेरेपी या मिट्टी चिकित्सा। आइए जानते हैं इस बारे में।
मड में जिंक, ब्रोमीन, सल्फर, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैें, जो त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं दूर करती है। मिट्टी चिकित्सा दाग-धब्बों से लेकर झुर्रियां, झाइयां, सोरायसिस और एक्जिमा जैसी परेशानियां भी दूर करती है। नेचुरल और केमिकल फ्री होने के चलते इस थेरेपी का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।
दो तरह से होती है थेरेपी
मिट्टी को ठंडे पानी के साथ मिलाकर ठंडी पट्टी और गर्म पानी में मिलाकर गर्म पट्टी बनाई जाती है। दर्द वाले हिस्सों पर गर्म मिट्टी वाली पट्टी लगाने से दर्द में आराम मिलता है। मिट्टी की ठंडी पट्टी का इस्तेमाल पूरेे शरीर के ऊपर लेप लगाकर कर सकते हैं। पट्टी को पेट या सिर पर लगाना पेट की गर्मी कम करने और लू में फायदेमंद है।
मड थेरपी में इस्तेमाल होने वाली मिट्टी
मड थेरपी के लिए जिस मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है उस मिट्टी को 3 से 4 फीट नीचे से निकाला जाता है। जो साफ होने के साथ ही कई तरह के मिनरल्स से भरपूर होती है। फिर इसका पेस्ट बनाकर समस्या के हिसाब से शरीर के अलग-अलग अंगों पर इस्तेमाल किया जाता है।
मड थेरेपी के लाभ –
- मड थेरेपी से आंतों की गर्मी शांत होती है। यह थेरेपी एसिडिटी को कम करने में फायदेमंद है।
- गर्मियों में हीट स्ट्रोक होने पर पेट व सिर पर इसे लगाने से लाभ होता है।
- अर्थराइटिस, माइग्रेन जैसी समस्याओं में भी मड थेरेपी बेहद असरदार है।
- नकसीर के रोगी मिट्टी का लेप नाक पर लगा सकते हैं।
- स्किन से जुड़ी समस्याएं से लेकर डिप्रेशन तक दूर करने में मड थेरेपी कारगर है।
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