मन और शरीर में चलने वाली उथल-पुथल का असर स्वास्थ्य पर पडऩा बहुत स्वाभाविक है। लो ब्लड प्रेशर के पीछे भी इसी तरह के कारण हो सकते हैं। ऐसे में लाइफस्टाइल और खानपान में सुधार तथा अन्य तरह से सतर्कता रखकर बहुत हद तक इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
ब्लड प्रेशर का लो होना या हाइपोटेंशन की तकलीफ का मतलब है रक्त के दबाव का 90/60 से भी कम होना। यूं सामान्य तौर पर थोड़ा-बहुत या बिना लक्षणों के ब्लड प्रेशर का लो हो जाना कोई समस्या पैदा नहीं करता लेकिन यदि इसके लक्षण स्पष्ट नजर आने लगें और बार-बार यह तकलीफ उभरने लगे, तो यह किसी अंदरूनी समस्या की ओर इशारा हो सकता है।
जैसे- मस्तिष्क, हृदय तथा अन्य प्रमुख अंगों तक रक्त के प्रवाह का अपर्याप्त होना। खासकर उम्र के बढऩे पर इस तरह की समस्याओं के उपजने का खतरा और बढ़ सकता है। कई बार बहुत देर तक बैठे या लेटे रहकर उठने पर या लंबे समय तक खड़े रहने पर भी ब्लड प्रेशर लो हो सकता है।
इसे पोस्चरल हाइपोटेंशन कहा जाता है। कई सारी अन्य ऐसी स्थितियां हैं, जो लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती हैं। इनमें गर्भावस्था, हार्मोनल समस्याएं जैसे थाइरॉइड या डायबिटीज आदि, कुछ विशेष औषधियां, अल्कोहल का अधिक सेवन, हृदय संबंधी अनियमितताएं, रक्त वाहिकाओं का चौड़ा होना या फैलना और लिवर डिसीज आदि शामिल हैं।
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