छठी शताब्दी के बौद्ध चैत्य गृह भोंगापाल में मनाई जा रही बुद्ध पूर्णिमा

0.बुद्ध जयंती आयोजन समिति भोंगापाल का किया गया गठन

नारायणपुर, 23 मई- विश्व को शांति ,मैत्री, सद्भावना का संदेश देने वाले महाकारूणिक तथागत गौतम बुद्ध की 2568 वीं जयंती 23 मई 2024 दिन गुरुवार को बस्तर संभाग के प्रमुख बौद्ध तीर्थ लसूरा नदी के तट पर घने जंगलों के बीच स्थित छठी शताब्दी में निर्मित बौद्ध चैत्य गृह (स्तूप) भोंगापाल विकासखण्ड फरसगांव जिला कोंडागांव में बौद्ध समाज नारायणपुर की पहल पर एतिहासिक रूप से हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। इस अवसर पर ग्राम भोंगापाल में प्रातः 10.30 बजे ग्राम भ्रमण के पश्चात बौद्ध चैत्य गृह में परित्राण पाठ (वंदना), विचार गोष्ठी एवं अतिथियों का सम्मान तत्पश्चात सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है।इस आयोजन में नारायणपुर, कोंडागांव, ग्राम भोंगापाल एवं आसपास के ग्रामीण जनों सहित लगभग पांच छै सौ लोग शामिल हुए है।


बुद्ध जयंती आयोजन समिति भोंगापाल के अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े ने बताया कि प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ भोंगापाल के धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उसके संरक्षण, संवर्धन एवं व्यापक प्रचार प्रसार के साथ प्रथम बार बुद्ध पूर्णिमा मनाने के उद्देश्य से बौद्ध समाज नारायणपुर के समाज प्रमुखों बद्रीश सुखदेवे, मनोज बागड़े, उमेश रावत, गजानंद चिमनकर एवं मनीष ठावरे के साथ हम लोग नारायणपुर से 20 किलोमीटर दूर ग्राम भोंगापाल पहुंच कर बुद्धदेव समन्वय समिति के पदाधिकारियों एवं ग्राम वासियों से संपर्क एवं समन्वय स्थापित कर बुद्ध जयंती मनाने हेतु सर्वसम्मति से बुद्ध जयंती आयोजन समिति का गठन किया गया जो कि निम्नानुसार है – मुख्य संरक्षक नीलकंठ टेकाम विधायक केशकाल, संरक्षक भंते ज्ञान बोधी,ब़द्रीश सुखदेवे, श्रीमती देवंतीन पोटाई सरपंच ग्राम भोंगापाल, संयोजक फूलसिंग कोर्राम,अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े, उपाध्यक्ष रामसाय नाग पूर्व सरपंच भोंगापाल, गजानंद चिमनकर, महासचिव उमेश रावत, सचिव दिनेश सोरी, मनीष ठावरे,सह सचिव सुकमन सलाम, भानूराम नाग, कोषाध्यक्ष मनोज बागड़े, व्यवस्था प्रभारी कपिल साहू, सदस्य गण रूप सिंह नाग, मानसिंह सलाम, राजमन नाग, लिमसूराम नेताम, राजकुमार कोर्राम, सोपसिंह कोर्राम, जगदीश चौव्हाले शामिल हैं।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]