कोरबा/पाली, 21 मई । सरकार भले ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की बिजली व्यवस्था को चुस्त- दुरुस्त करने का ढिंढोरा पीटे लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। पाली नगर एवं इस विकासखण्ड क्षेत्र के लिए बिजली समस्या लाइलाज बनकर रह गई है। क्षेत्र में आजकल जिसके बारे में एक कहावत प्रसिद्ध हो गई है कि अगर जरा सी भी हवा चली या हल्की बारिश पड़ी तो इस क्षेत्र की बिजली गुल हो जाना तय है।
लोकल फाल्ट को भी ठीक करने में बिजली मिस्त्री के हाथ- पांव फूल जाते है। कुछ वर्ष पूर्व तार पोल बदलने के नाम पर लाखों करोड़ों का वारा- न्यारा किया गया लेकिन फिर भी नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र की बिजली भगवान भरोसे ही जलती है। एक तरफ भीषण गर्मी व उमस की मार पड़ रही है तथा गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग भी बढ़ गई है तो वही दूसरी ओर मौसम में एकाएक परिवर्तन के कारण हल्की सी बारिश एवं हवाओं में भी नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र की बिजली गुल होना मानो स्थायी समस्या बन गई है। बिजली विभाग द्वारा एक वाट्सअप ग्रुप में विद्युत कटौती या फिर सुधार की सूचना देकर सप्लाई व्यवस्था को बेहतर करने की बात तो करता है, लेकिन वास्तव में समस्या दिनों दिन और गहराता जा रहा है। क्षेत्र में हल्की आंधी व बारिश के बाद ही घंटों तथा कभी कभी रात में भी बिजली आपूर्ति बाधित हो जा रही है। पॉवर सब स्टेशन में आई छोटी- मोटी गड़बड़ी पर ध्यान नहीं दिए जाने और छुरी एवं मोपका (बिलासपुर) से आने वाले 33 केवी के संचरण लाइन में कहीं डिश नही, तो कहीं ब्रायकेट नही, तो कहीं पोल कंडम के कारण जरा सी हवा चलने से तार आपस मे टकराकर लाइन फाल्ट होने के कारण ही समस्या बड़ी होती जा रही है।
यही कारण है कि बरसात के दिनों में होने वाली छोटी- मोटी खराबी भी ठीक नहीं हो पाती है और लगातार फॉल्ट, जंफर कटने, तार सटने, शॉर्ट लगने की समस्या बनी रहती है। दूसरी ओर विभाग का कहना है कि 33 केवी तार पर कई जगह बांस, बबूल, आम एवं अन्य पेड़ की डाली सटा रहता है। इसके कारण हल्की बारिश में भी फॉल्ट लग जाता है तथा इंसुलेटर गर्म रहने के बाद उस पर पानी पड़ने से क्रेक हो जाता है। इस कारण बिजली ट्रिप हो जाती है। वैसे देखा जाए तो यह समस्या काफी पुरानी है लेकिन इसका स्थाई निदान आज तक नहीं हो सका है। जिसका खामियाजा गर्मी व बारिश के दिनों में भुगतना पड़ता है। बिजली की सही आपूर्ति न मिलने के कारण लोगों को पेयजल भी ढंग से नही मिल पा रहा है और उनका कहना है कि विद्युत विभाग की मनमानी के चलते जीवन यापन कठिन हो गया है। सुबह से लेकर लगातार देर रात तक आंखमिचौली व कटौती दर कटौती से दिन का चैन व रात की नींद गायब हो गई है तथा इस समय बिजली न टिकने से गर्मी के कारण जीना मुहाल हो गया है। 24 घण्टे में 48 बार या उससे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र की लाइट गुल हो रही है। इससे पेयजल की भी समस्या से जूझना पड़ रहा है क्योंकि शहरी अथवा ग्रामीण की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह ट्यूबवेल या सिंगल फेस वाले मोटर पर ही निर्भर है। जिससे विद्युत अवरोध के चलते पानी आपूर्ति में खासी मशक्कत उठानी पड़ रही है। इस हालात में विद्युत विभाग के प्रति लोगो का पारा हाई हो रहा है। अगर यही हाल रहा तो अबकी बरसात के मौसम में बिजली मिलना मुश्किल हो जाएगा।
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