Swati Maliwal Assault: स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में लगातार अपडेट सामने आ रहे हैं. शनिवार को इस घटनाक्रम में उस वक्त नया मोड़ आया जब दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि , इस गिरफ्तारी के बाद बिभव कुमार ने कोर्ट का रूख किया. बिभव कुमार के वकील ने अग्रिम जमानत को लेकर तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए बिभव कुमार की याचिका खारिज कर दी है. बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से दो बार बिभव कुमार को नोटिस भेजे गए थे. इसमें से पहले नोटिस जब उनके घर पहुंचा तो बिभव की पत्नी ने इसे लेने से इनकार कर दिया था.
जांच में सहयोग के लिए तैयार
बिभव कुमार की ओर से केस लड़ रहे उनके वकील करण शर्मा का रिएक्शन भी सामने आया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि उनके मुवक्किल को पुलिस की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है. हमने पुलिस को एक ई-मेल भेजा है और जांच में सहयोग की बात की है.
कई सख्त धाराओं के तहत FIR
बता दें कि बिभव कुमार के खिलाफ कई सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें आईपीसी की धारा 308 भी शामिल है. इसमें ऐसे इरादे या सोच के साथ कोई काम करता है और ऐसी परिस्थितियों में करता है कि उससे किसी की मौत हो सकती है तो उस पर यह धारा गैर इरादता हत्या के हिसाब से लगाई जाती है. इसमें 7 साल की सजा और आर्थिक दंड का भी प्रावधान है.
इसके अलावा IPC की 354बी धारा भी लगाई गई है. इसमें महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग का मामला बनता है. इसमें तीन साल तक की सजा हो सकती है. वहीं धारा 506 भी लगाई गई है. इसमें किसी व्यक्ति को उसके जीवन, संपत्ति या परिवार संबंधी नुकसान पहुंचाने की धमकी या चेतावनी दी जाती है तो ऐसे मामले शामिल होते हैं. इसमें दो साल तक की जेल का प्रावधान है.
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