गुरदिप सिंह,कोरबा,15 मई 2024। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की कुसमुंडा परियोजना में आउटसोर्सिंग के काम विभिन्न ठेका कंपनियों को मिले हुए हैं। इनमें नीलकंठम प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी शामिल हैं। प्रभावित भू विस्थापितों ने दूसरे राज्य के लोगों को यहां पर काम देने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई हैं। इन लोगों ने मांग की है कि प्रावधान के अंतर्गत उन्हें यहां पर काम मिलना चाहिए।साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कुसमुंडा परियोजना में ओवर बर्डन से लेकर ट्रांसपोर्टिंग और दूसरे कार्यों को आउटसोर्सिंग पर दिया गया है। ग्लोबल टेंडर के आधार पर SECL की इस परियोजना में नीलकंठम को जिम्मेदारी मिली है। अपना कामकाज करने के लिए उसने श्रमिकों की नियुक्ति की है। इस मामले में स्किल पर जोर देने की कोशिश की गई है।
इसी बात को लेकर आए दिन विवाद खड़ा हो रहा है और गतिरोध भी उत्पन्न हो रहा है। SECL कुसमुंडा के आसपास के प्रभावित गांवों के कई लोगों ने नीलकंठ के कैंप पर धावा बोलने के साथ वहां पर काम करने वाले श्रमिकों से पूछताछ की। इन लोगों ने आरोप लगाया कि रोजगार मांगने पर उनकी ऋण पुस्तिका और कई दस्तावेज ले लिए गए हैं और चक्कर कटवाए जा रहे हैं।
निजी कंपनी कर रही गुमराह
भू-स्थापितों का कहना है कि काफी लंबे समय से निजी कंपनी द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है और बाहरी लोगों को लाकर कम कराया जा रहा है, जबकि उनसे सारे दस्तावेज कंपनी ले चुकी है। उसके बावजूद भी कम पर रखने के लिए आनाकानी कर रही है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के श्रम और उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन के द्वारा हाल में ही विभिन्न सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से यह जानकारी देने को कहा गया है कि उनके यहां कॉन्ट्रैक्ट संबंधी कार्यों में स्थानीय लोग किस संख्या में हैं और दूसरे राज्यों के लोगों को कितनी मात्रा में रोजगार दिया गया है। 7 दिन के अंदर इस प्रकार की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है।
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