कोरबा, 13 मई 2024 l सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि कोरबा जिले में पेयजल से निपटने के लिए प्रतिवर्ष जनप्रतिनिधियों द्वारा करोड़ों रुपए पेयजल में खर्च करने की जानकारी देते रहे हैं प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम में जनप्रतिनिधियों द्वारा कहा जाता है कि पेय संकट अब दूर हो गया पानी की समस्या दूर हो गई अब समुचित ढंग से पानी घर-घर मिलेगा लेकिन गर्मी आते ही पानी की समस्या ज्यों के त्यों बनी रहती है इस तरह से प्रतिवर्ष जल मुहैया कराने हेतु करोड़ों रुपए बजट का प्रावधान है उक्त राशि खर्च भी की जाती है लेकिन पानी की समस्या का समाधान न होना समझ से परे है क्योंकि पानी की समस्या व्यवस्थित ढंग से करने के लिए जारी धनराशि भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाने का ही नतीजा है की प्रति वर्ष गर्मी के दिनों में पानी की समस्या विकराल रूप लेकर आम जन बिन पानी मछली कहावत चरितार्थ हो रहा है जिससे मवेशियों तथा आम जनता को जल संकट का सामना करना पड़ता है ।
सिन्हा ने आगे बताया की कोरबा शहर की प्यास एसईसीएल के बंद खदान मानिकपुर पायलट क्वेरी से प्यास बुझाई जा सकती है पायलट क्वेरी में पर्याप्त पानी का भंडार मौजूद है जिससे शहरी क्षेत्र में नगर निगम सीएसईबी, एस ई सीएल के कॉलोनी सहित झूंगी बस्तियों में 12 महीना पेयजल की आपूर्ति हो सकती है उपरोक्त पोखरी की पानी कभी खत्म होने का सवाल ही नहीं उठाता है।
सिन्हा ने आगे बताया कि पायलट क्वेरी में पानी फिल्टर प्लांट के माध्यम से पूरे कोरबा शहर जिसमें झूंगी बस्ती सीएसईबी, एस ई सी एल व नगर निगम द्वारा मुहैया कराई गई जल की आपूर्ति पायलट क्वारी के माध्यम से हो सकता है लेकिन एस ई सीएल प्रशासन नगर निगम व जनप्रतिनिधियों के इच्छा शक्ति के अभाव में स्थाई जल समस्या पर कार्य नहीं हो रहा है जिसके चलते प्रति वर्ष करोड़ों रुपया खर्च के बावजूद जल संकट बना हुआ है जो चिंता का विषय हैl
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