NEET Exam में बांट दिया गलत प्रश्नपत्र छह दिन बाद भी कोई कार्रवाई, छात्रों ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की…

रायपुर, 12 मई। छत्‍तीसगढ़ के बालोद जिले में पहली बार नीट की परीक्षा के दौरान छात्र-छात्राओं को दो प्रश्नपत्र बांटने के बाद एक पेपर को रद्द कराए जाने को लेकर अभिभावकों ने स्कूल कैंपस में जमकर हंगामा किया। छत्तीसगढ़ में नीट परीक्षा में नहीं हुआ परीक्षा प्रक्रिया का पालन। प्राचार्य ने मानी गलती कहा गलती हुई, ऊपर वालों के बताए अनुसार किया। उन्होंने जो कहा हमन वही किया। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) नीट में 391 स्टूडेंट्स को गलत प्रश्न पत्र बांटने के मामले में आरोपियों पर 6 दिन बाद भी कोई कार्रवाई

शासकीय आदर्श बालक उच्चतर माध्यमिक शाला प्रभारी अरूण कुमार साहू के मुताबिक कंफ्यूजन में गलत प्रश्न पत्र बंट गया था। साहू के मुताबिक पूरी जानकारी अफसरों को दी गई और उनके निर्देश पर आगे की प्रक्रिया का पालन किया गया।

छात्रों ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की है और राष्ट्रपति को पत्र लिखने की बात कही है। छात्रों की मांग है, कि बोनस अंक दिया जाए। नीट परीक्षा मामले में परीक्षार्थियों को इंसाफ नहीं मिलने पर कांग्रेस अब इसे मुद्दा बना रही है। बालोद जिले से कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने मामले में कलेक्टर, राजभवन और NTA को पत्र लिखा है। पत्र में छात्रों को बोनस अंक देने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। परीक्षा के दौरान छात्रों को गलत प्रश्न पत्र दे दिया गया। छात्रों ने प्रश्न पत्र गलत आने की बात कही, तो जांच के नाम पर कॉर्डिनेटर और केंद्र प्रभारी 45 मिनट तक छात्रों से गलत प्रश्न पत्र हल करवाते रहे और उसके बाद प्रश्न पत्र बदलने का निर्देश दिया गया। छात्रों ने दूसरा प्रश्न पत्र हल किया, लेकिन अतिरिक्त समय के नाम पर उन्हें मात्र 10 से 15 मिनट दिया गया। पालकों को इस बात की जानकारी हुई, तो केंद्रों में विरोध शुरू हो गया और प्रभारी समेत पूरे स्टाफ को बंधक बना लिया गया।

बैंक से प्रश्नपत्र लाने में हुई गलती

शासकीय आदर्श बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केंद्र में आत्मानंद विद्यालय के प्राचार्य अरुण साहू ने बताया कि हम अपनी गलती मान रहे हैं कि बच्चों को गलत पेपर दिया गया था। उन्होंने कहा कि बैंक से एग्जाम पेपर लाने में गलती हुई स्टेट बैंक और केनरा बैंक दोनों जगह नीट का एक प्रश्नपत्र रखा गया था। दोनों जगह से प्रश्नपत्र ले गए उसके बाद हम खुद कंफ्यूज हो गए थे।

पहले बच्चों को दूसरा प्रश्न पत्र हल करने कहा गया, फिर हमें लगा कि यह नहीं है तो फिर दूसरा प्रश्न पत्र दिया गया। परीक्षा हाल से निकलने के बाद बच्चों का बुरा हाल है, प्रशासन के ऊपर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। वहीं बच्चों ने रोते-रोते बताया की हड्डियां टूट जाती है पढ़ाई करते-करते पैसे खर्च हो जाते हैं सुबह साढ़े तीन बजे तक पढ़ते हैं उसके बाद यहां पर इस तरह का रवैया किया जाता है, जिससे हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

जमकर किया हंगामा


परीक्षा लेने वाले जितने भी कर्मचारी थे वे प्राचार्य कक्ष में कुर्सियों में बैठे हुए थे, जब पेरेंट्स उन्हें जवाब मांगने पहुंचे तो वह भी उनके 
सामने बेबस नजर आए मौके पर पुलिस तक बुलानी पड़ी, अभिभावकों ने शिक्षकों और जिम्मेदार लोगों को कुर्सी से उठने 
नहीं दिया।

परीक्षार्थियों ने कहा, भविष्य के साथ खिलवाड़ परीक्षार्थी रेणुका साहू ने बताया कि यदि जिले में केंद्र बनाया गया है तो सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाना था। यहां पर केंद्र बनाया गया और पूरी तरह लापरवाही की गई। हम बच्चों के साथ यहां पर भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।

मौली अग्रवाल ने कहा कि आप सोच भी नहीं सकते कि हमें कितनी मेहनत करनी पड़ती है दिन-रात जागना पड़ता है। पैसे लगते हैं बाहर रहना पड़ता है परिवार से दूर रहना पड़ता है उसके बाद जब परीक्षा देते हैं तो ऐसी स्थिति आती है। उसने रोते-रोते शिक्षकों के सामने खरी खोटी सुना दी।

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