कोंडागांव 9 मई I कोंडागांव-बाल विवाह मुक्त कोंडागांव अभियान के अंतर्गत कोंडागांव जिले में 1 मई से 10 मई 2024 तक बाल विवाह रोकथाम रैली कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इसी तारतम्य में संकुल केंद्र बुनागाँव में बाल विवाह रोकथाम रैली कार्यक्रम आयोजित किया गया।इस दौरान संकुल प्राचार्य किरण नाग संकुल समन्वयक धरम देवांगन के द्वारा इस अभियान के माध्यम से लोगों को बताया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है।बाल विवाह से बच्चों का संपूर्ण व्यक्तित्व विकास प्रभावित होता है।
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधू के माता-पिता, सगे-संबंधियों, बारातियों यहां तक विवाह करने वाले पुरोहित, पंडितो यदि कोई व्यक्ति किसी बाल विवाह में सहायता करता है निर्देशित करता है,उसका आचरण करता है या उसका पालन करता है तो उसे 2 वर्ष के कठोर कारावास या एक लाख रूपए और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।।
बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण,शिशु मृत्यु दर एवं माता मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है बाल विवाह के कारण हिंसा, शोषण और यौन शौषण का खतरा बढ़ जाता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश्वरी नेताम, अनिता नाग,दासो नेताम,बालमती नेताम, मितानिन फगनी नेताम ने जानकारी देते हुए कहा कि उम्र से पहले शादी होने पर बच्चा शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा से वंचित तो होता ही है, साथ ही नाबालिग होते हुए उनके गर्भवती होने और बच्चे को जन्म देने की स्थिति आ जाती है तो इसका असर माँ और शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है
बाल विवाह बच्चे का बचपन समय से पूर्व खत्म कर देता है।बुनागाँव की सरपंच पंचमी कौशिक ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष व लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले के की जाती है तो वह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
इस अवसर पर शिक्षक सूरज नेताम, नितेश नेताम,जयंती सुरजाल,सत्या गौतम, प्रदीप नाग,रूपेश कल्लो,मानिक सुखदेवे,कावेराम पोटाई,संतोषी ठाकुर, बसंती नेताम, ललिता त्रिपाठी, सविता सोरी,माधुरी मेश्राम, ममता खापर्डे,झरना कोड़ोपी,स्कूली कर्मचारी महादेव भोयर,पूनम यादव और स्कूली बच्चे मौजूद रहे I
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