छत्तीसगढ़ में यहाँ NEET की परीक्षा में गलत पेपर बांटा, परिजन बोले- 391 छात्रों को अंधेरे में डाला, पिता से लिपटकर रोती रही छात्रा

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) में बड़ी लापरवाही बरती गई है। 391 छात्र-छात्राओं को गलत पेपर बांट दिया गया। 45 मिनट तक प्रश्न पत्र भराया गया, फिर उसे कैंसिल कर दूसरा पेपर दिया। छात्रों ने कहा कि एक्स्ट्रा समय भी नहीं दिया। एक छात्रा अपने पिता से लिपटकर रोती नजर आई। पेरेंट्स और छात्रों ने परीक्षा केंद्र में जमकर हंगामा किया।

परिजनों का कहना है कि, परीक्षा के समय दो-दो प्रश्न पत्र दिए गए। पहले किसी और को हल कराया, फिर उसे जमा कराकर दूसरे पेपर को हल करने कहा गया। इस तरह बच्चों का समय भी बर्बाद हुआ और उन्हें मिस गाइडेंस हुआ। जिस कारण वह अच्छे से परीक्षा भी नहीं दे पाए। एग्जाम रद्द करने और लापरवाही पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

बैंक से एग्जाम पेपर लाने में हुई गलती

दरअसल, शासकीय आदर्श बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के परीक्षा केंद्र में आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य अरुण साहू ने बताया कि, हम अपनी गलती मान रहे हैं कि बच्चों को गलत एग्जाम पेपर दिया, लेकिन बैंक से एग्जाम पेपर लाने में गलती हुई है।

प्राचार्य अरुण साहू ने बताया कि स्टेट बैंक और केनरा बैंक दोनों जगह नीट के पेपर जमा थे। दोनों जगह से प्रश्न पत्र लाए। उसके बाद हम खुद कंफ्यूज हो गए थे। पहले बच्चों को दूसरा प्रश्न पत्र हल करने कहा गया, फिर हमें लगा कि यह नहीं है, तो फिर दूसरा प्रश्न पत्र दिए।

आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य अरुण साहू के कैबिन में परिजनों की भीड़।

आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य अरुण साहू के कैबिन में परिजनों की भीड़।

परीक्षा के बाद रो रहे बच्चे

वहीं, बच्चों ने रोते हुए बताया कि, पढ़ाई करते-करते हड्डियां टूट जाती हैं, पैसे खर्च हो जाते हैं। सुबह 3:30 बजे से उठकर पढ़ते हैं। उसके बाद यहां पर इस तरह का रवैया है, जिससे हमारा भविष्य पूरी तरह अंधकार में जाता दिख रहा है। भुवनेश्वर सिंह ने बताया कि हमें परीक्षा देने के दौरान पूरी तरह मिस गाइड किया गया, कोई गाइडेंस देने वाला नहीं था।

नहीं कर सकते तो नहीं बनाना था परीक्षा केन्द्र

रेणुका साहू ने कहा कि, अगर बालोद जिले में केंद्र बनाया गया है, तो सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाना था। यहां पर केंद्र बनाया गया और पूरी तरह लापरवाही की गई। हम बच्चों के साथ यहां पर भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।

बालोद आत्मानंद स्कूल

बालोद आत्मानंद स्कूल

वहीं छात्र मौली अग्रवाल ने कहा कि, आप सोच भी नहीं सकते कि हमें कितनी मेहनत करनी पड़ती है। दिन-रात जागना पड़ता है। पैसे लगते हैं, बाहर रहना पड़ता है। परिवार से दूर रहना पड़ता है। उसके बाद जब परीक्षा देते हैं, तो ऐसी स्थिति आती है। उसने रोते-रोते शिक्षकों के सामने खरी खोटी सुनाई।

हम लोगों के भविष्य का क्या होगा ?

छात्रा वैष्णवी सिंह ने कहा कि आधे घंटे से ज्यादा हो गए थे, दोबारा पेपर लेकर आए। इसके बाद कहा कि इसको सॉल्व करो, एक्ट्रा टाइम भी नहीं दिया। हम लोगों से दो-दो पेपर सॉल्व कराया गया। गलत-गलत पेपर बांटा गया। अब हम लोगों के भविष्य का क्या होगा, ये प्रबंधन तय करे।

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया

परिजनों ने कहा कि ये घोर लापरवाही है। हमारे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। स्कूल प्रबंधन मान रहा है कि हमसे गलती हुई है, लेकिन इसका परिणाम बच्चों के साथ अन्याय क्यों, जो एक-एक साल दो-दो साल पढ़ाई करके आए हैं। कई बच्चे ऐसे हैं, जो फीस देने के काबिल नहीं, उनके भविष्य से खेला गया है।

परिजन विश्वजीत सिंह ने कहा कि इतनी बड़ी लापरवाही होने के बाद भी प्रबंधन ने जिले के किसी भी अधिकारी को सूचना नहीं दी। परिजनों को गुमराह करने के लिए आगे गेट से आइये, पीछे गेट से आइये कर रहे थे।

कुर्सी से उठने नहीं दिए पेरेंट्स

बता दें कि, परीक्षा लेने वाले जितने भी कर्मचारी थे, वे प्राचार्य कक्ष में कुर्सियों में बैठे हुए थे। जब पेरेंट्स उन्हें जवाब मांगने पहुंचे, तो वह भी उनके सामने बेबस नजर आए। पुलिस को मौके पर बुलानी पड़ी, लेकिन पेरेंट्स ने यहां पर शिक्षकों और जिम्मेदार लोगों को कुर्सी से उठने नहीं दिया। परीक्षा कैंसिल करने की मांग कर रहे हैं।

सेंटर सुपरिटेंडेंट अरुण कुमार साहू ने बालोद कलेक्टर को पत्र लिखकर जानकारी दी है।
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