जेल में छापा पड़ा तो मोबाइल निगल गया कैदी, पेट दर्द पर खुली पोल… डॉक्टर ने ऐसे निकाला बाहर…

कर्नाटक की शिवमोगा सेंट्रल जेल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है.यहां एक कैदी ने जेल में छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन निगल लिया. इसके बाद कैदी को तकलीफ हुई तो उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जहां डॉक्टरों ने उसकी सर्जरी की है और मोबाइल फोन बाहर निकाल लिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, यह घटना अप्रैल की है.इस कैदी का नाम परशुराम है. परशुराम ने मोबाइल फोन निगलने के बाद अपने पेट में दर्द होने की शिकायत की थी. लेकिन इसका कारण नहीं बताया था. इस दौरान परशुराम पेट के दर्द से कराह रहा था. यह खबर मिलते ही जेल प्रशासन ने उसे जेल परिसर के ही मेडिकल रूम में शिफ्ट किया था.

परशुराम को यहां दर्द से कोई आराम नहीं मिला, जिसके बाद उसकी बढ़ती समस्या को देखते हुए जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया.अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने परशुराम को भर्ती किया. इस दौरान डॉक्टर ने उसका अल्ट्रासाउंड किया. अल्ट्रासाउंड देखकर डॉक्टरों के होश उड़ गए.

इस दौरान डॉक्टर्स ने देखा कि परशुराम के पेट में एक बाहरी वस्तु है, जिसके बाद आनन-फानन में उसका इलाज शुरू हुआ. जानकारी के मुताबिक, 25 अप्रैल को इस बाहरी वस्तु को निकालने के लिए उसका पेट काटकर सर्जरी की. यह सर्जरी करीब 75 मिनट तक चली थी. इस दौरान डॉक्टर को परशुराम के पेट दर्द का कारण पता चला. डॉक्टर्स ने देखा कि एक कीपैड मोबाइल फोन परशुराम के पेट में फंस गया था. यह फोन उसके पाइलोरस में फंस गया था. यह वह मांसपेशी है, जो कि पेट में आंत का रास्ता बंद करती है और खाने को पेट में ही रखती है.

डॉक्टर्स ने कैदी के पेट से यह मोबाइल फोन हटा दिया. डॉक्टर्स के मुताबिक, यह मोबाइल फोन उसके पेट में पिछले 20 दिन से फंसा हुआ था. इस दौरान एक डॉक्टर ने कहा कि यह मोबाइल फोन इतना छोटा था कि वह युवक के गली और ग्रासनली से होकर गया था. यह मोबाइल फोन उसके पाइलोरस में फंस गया था. फिलहाल, सफल सर्जरी के बाद परशुराम को डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया. इसके बाद उसे शिवमोग्गा जेल भेज दिया गया है.वहीं, पुलिस ने जेल में फोन की तस्करी के आरोप में परशुराम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. इस दौरान एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मोबाइल फोन, ड्रग्स और दूसरे पदार्थों की जांच के लिए जेल के अंदर तलाशी अभियान नियमित है. हालांकि, इनमें से ज्यादातर इन्हें शौचालयों या दूसरी जगहों पर छिपा देते हैं, जहां कोई जांच नहीं करता. इसी क्रम में परशुराम ने मोबाइल निगल लिया था.

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