मध्यप्रदेश के शहडोल में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में मतदान के वक्त ग्रामीणों द्वारा अपने मताधिकार का बहिष्कार कर दिए जाने और अपनी जिद पर अड़े रहने के बाद जिला प्रशासन द्वारा दी गई समझाइश इसके बाद ग्रामीणों ने मतदान तो किया। साथ ही ग्रामीणों के इस आंदोलन का असर जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारियों पर पड़ा। परिणाम स्वरूप शनिवार को वह आदमखोर बाघ का रेस्क्यू कर लिया गया, जो आए दिन ग्राम बोचरो एवं आसपास के रहवासियों ही नहीं उनके मवेशियों को भी उठाकर ले जाता और शिकार करता था।
संजय गांधी टाइगर रिजर्व के उपवन मंडल अधिकारी नरेंद्र रवि ने इस संबंध में चर्चा के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को शाम लगभग पांच बजे संजय गांधी टाइगर रिजर्व के तीन हाथियों एवं वन विभाग की रेस्क्यू टीम के द्वारा बाघ का रेस्क्यू किया गया। बाघ ब्योहारी क्षेत्र के कई गांव में आतंक का पर्याय बन चुका था, जिससे ग्रामीणों में भए एवं दहशत का माहौल बना हुआ था।
एसडीओ रवि ने बताया कि ब्योहारी वन परिक्षेत्र के गोइंदर बीट में उक्त बाघ का रेस्क्यू किया गया। हालांकि, वह ग्राम एवं आसपास के गांव में उक्त बाघ की मूवमेंट अधिक थी। लेकिन रेस्क्यू टीम द्वारा सर्चिंग किए जाने के दौरान उक्त बाग गोइंदर बीट में पाया गया, जिसे टाइगर रिजर्व के तीन हाथियों की मदद से रेस्क्यू कर संजय गांधी टाइगर रिजर्व ले जाया गया है। बाघ के रेस्क्यू किए जाने के बाद क्षेत्रीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है और विभागीय अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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