कद्दू विटामिन ए से भरपूर होता है। यह त्वचा, हड्डी और दांतों को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करता है। इसके अलावा ये फाइबर से भरपूर है जो कि कई बीमारियों से बचाता है। ये पेट का मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है और पाचन क्रिया को तेज करता है। कद्दू में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जैसे अल्फा-कैरोटीन, बीटा-कैरोटीन और बीटा-क्रिप्टोक्सैन्थिन। ये एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को बेअसर कर सकते हैं और आपकी कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचा सकते हैं। लेकिन, हर स्थिति में कद्दू खाना फायदेमंद नहीं है। क्यों जानते हैं इस बारे में।
कब और किसे नहीं खाना चाहिए कद्दू-
1. पेट सही न हो तो कद्दू न खाएं
कद्दू खाना गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) इंफेक्शन से जुड़े लक्षणों को बढ़ा सकता है। इसकी वजह से आपको फूड एलर्जी हो सकती है। इससे अलावा कद्दू खाना पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है जिससे समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
2. फूड प्वाइजनिंग हो सकती है
कद्दू खाना बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनकों को प्रसारित कर सकता है जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। ये फूड प्वाइजनिंग की वजह बन सकता है और आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। इसे खाने के बाद उल्टी, मतली और कई प्रकार की समस्याएं हो सकती है और ये दस्त समेत शरीर को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
3. गर्भवती हैं या स्तनपान कराने वाली मां
जो लोग गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले हमेशा अपने आहार के बारे में डॉक्टर से जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसे खाना उनके लिए सुरक्षित है या नहीं।
4. कुछ दवाओं के कारण नुकसान
कद्दू के पोषक तत्व शरीर को पानी की मात्रा को जल्दी से खत्म करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं यानी कि डिहाइड्रेट कर सकते हैं। जो इस बात पर असर डाल सकता है कि शरीर लिथियम जैसी कुछ दवाओं को कैसे अवशोषित करता है। इसलिए दवाओं के साथ कद्दू खाने से बचें।
5. लो बीपी में
कद्दू के बीज में बीटा कैरोटीन और मैग्नीशियम होता है जो ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन, अगर आप हाई बीपी की दवाओं जैसी दवाओं का उपयोग कर रहे हैं, तो अपने आहार में कद्दू को शामिल करने से पहले डॉक्टर से बात करें। तो, इन तमाम स्थितियों में कद्दू खाने से बचें।
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