कोरबा, 24 अप्रैल I एक अप्रैल 2024 से बालको कर्मियों का 11 वां नया वेतनमान लागू हो गया है। नए वेतनमान पर समझौता कर प्रबंधन ने श्रमिक संगठनों से चर्चा कर सहमति ले ली है। इस बार बेसिक व डीए में 17 व वार्षिक इंक्रीमेंट में चार प्रतिशत बढ़ोत्तरी के फार्मूले पर तीन श्रमिक संगठनों ने हस्ताक्षर किए हैं। नए वेतनमान से न्यूनतम 15 और अधिकतम 21 हजार रूपए की प्रतिमाह बढ़ोत्तरी होगी। लगभग 900 कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा।
वेज रिवीजन को लेकर श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने प्रबंधन के समक्ष प्रस्ताव रखा था। इसमें वेज रिवीजन में पिछली बार से ज्यादा बढ़ोत्तरी किए जाने की मांग की गई थी। प्रबंधन ने सभी यूनियन से प्रस्ताव लेने के बाद आश्वस्त किया था कि जल्द बैठक कर चर्चा की जाएगी और उसमें यथासंभव बढ़ोत्तरी की जाएगी। सोमवार को प्रबंधन ने श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के साथ रायपुर स्थित एक होटल में बैठक की और सहमति लेने के बाद नए वेतनमान में समझौता कर हस्ताक्षर लिया। इस बार बालको कर्मियों को 17 व चार प्रतिशत बढ़ोत्तरी पर ही संतुष्ट होना पड़ेगा। यानी बेसिक व डीए मिलाकर 17 प्रतिशत वृद्धि की जाएगी, जबकि प्रतिवर्ष चार प्रतिशत इंक्रीमेंट मिलेगा। यह बढ़ोत्तरी पिछली बार की अपेक्षा कम है, क्योंकि पिछली बार बेसिक व डीए में 21 तथा वार्षिक इंक्रीमेंट में चार प्रतिशत की वृद्धि की गई है। सहमति बनने के बाद श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर कर दिया। इस दौरान प्रबंधन की ओर से सीईओ राजेश कुमार, ग्रुप एचआर हेड दिलीप सिन्हा, बालको एचआर हेड प्रज्ञा पांडेय, एचआर सुधीर कुमार, राहुल सिंह व भूपेश श्रीसंत उपस्थित रहे। जबकि इंटक की ओर से कार्यवाहक अध्यक्ष संजय सिंह, जयप्रकाश यादव, रमेश जांगिड़, विमलेश साव, यशवंत लदेर, नितीन चंदेल, अनिल जाटवर, गणपति वैरागी, देवेंद्र वर्मा, देवेंद्र यादव, संदीप चंदेल, तामेश्वर लाल निषाद, नरेन्द्र भैसवाड़े, रोहित नामदेव व एसएन चंद्रा शामिल हुए।
इन श्रमिक संगठन ने भी जताई सहमति
प्रदेश में आईडी एक्ट लागू हो चुका है, ऐसी स्थिति में प्रबंधन को सभी श्रमिक संघ प्रतिनिधियों से चर्चा कर सहमति लेना पड़ रहा है। वेज रिवीजन के इस नए फार्मूले में हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के एलएल सहिस गुट तथा इसी संगठन के राकेश सोनी गुट, नाम्स व वाम्स यूनियन ने सहमति जताते हुए हस्ताक्षर कर दिया। इन श्रमिक संगठन के साथ भी सोमवार को ही प्रबंधन ने रायपुर में ही बैठक की और चर्चा उपरांत कंपनी की स्थिति से अवगत कराते हुए सहमति ली।
एलाऊंस में 38 प्रतिशत की वृद्धि
बाल्को कर्मियों को मिलने वाले अन्य भत्तों में भी बढ़ोत्तरी की जाएगी। समझौता के मुताबिक सभी भत्तों में 38 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। हालांकि पिछली बार की अपेक्षा यह कम है। गत वेतन समझौता में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी, उसके पहले वर्ष 2014 में 35 प्रतिशत की वृद्धि भत्तों में हुई थी। बालको कर्मी इस काफी कम मान रहे हैं, उन्हें उम्मीद थी कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार 65 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद थी।
बीएमएस, सीटू व एटक ने नहीं किए हस्ताक्षर
बालको कर्मियों के लिए हुए नए वेतन समझौता में केंद्रीय मान्यता प्राप्त तीन श्रमिक संघ ने हस्ताक्षर नहीं किया। इसमें सीटू, भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) तथा एटक शामिल है। हालांकि प्रबंधन के साथ इन यूनियन के प्रतिनिधियों की बैठक सोमवार को रायपुर में अवश्य हुई, पर प्रतिनिधियों ने यह कहते हुए हस्ताक्षर से इंकार कर दिया कि बढ़ोत्तरी पिछली बार से कम है और इसका नुकसान कर्मियों को होगा। साथ ही प्रबंधन ने इस संबंध में पहले चर्चा नहीं की और अब सीधे हस्ताक्षर करने कहा जा रहा है।
अप्रैल माह के वेतन से मिलेगा लाभ
बालको कर्मियों को नए वेतनमान का लाभ अप्रैल माह के वेतन से ही मिलेगा। यानी अप्रैल 2024 का वेतन मई माह में प्रदान किया जाएगा। इसमें नया वेतनमान व अन्य भत्तों की भी राशि शामिल रहेगी। कर्मियों ने तत्काल फायदा मिलने से राहत की सांस ली है। यहां बताना होगा कि बालको कर्मियों का पिछला वेतन समझौता भी 21 अप्रैल 2019 को हुआ था।
क्या कहते हैं श्रमिक नेता
फार्मूले पर हमारी सहमति नहीं
बालको कर्मियों के 11 वें वेज रिवीजन में 17 व चार प्रतिशत के फार्मूले पर सीटू ने असहमति जताते हुए हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। प्रबंधन ने इस संबंध में कोई वार्ता नहीं की और सीधे हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया। रात तीन बजे तक बैठक हुई, पर संगठन ने अंतत: मना कर दिया। यह बढ़ोत्तरी पिछली बार से काफी कम है और इससे भत्तों, पीएफ की राशि समेत अन्य मद में कर्मियों को नुकसान होगा।-एस घोष, अध्यक्ष सीटू
वेज रिवीजन का लाभ भी मिलने लगेगा
इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व बालको इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष संजय सिंह की उपस्थिति में वेतन समझौता पर सहमति बन गई है। कर्मियो को बेहतर वेतनमान का फायदा मिलेगा। भत्तों में भी प्रबंधन ने 35 प्रतिशत का लाभ देेने पर सहमति जताई है। हालांकि प्रतिशत कम दिख रहा है पर राशि बढ़ोत्तरी काफी अधिक होगी। जिस माह नया वेतनमान लागू हो रहा, उसी माह समझौता होने से कर्मियों के वेज रिवीजन का लाभ भी मिलने लगेगा।– जयप्रकाश यादव, अध्यक्ष इंटक
वेज रिवीजन भी अनुपात में करना चाहिए
वर्ष 2019 के अनुरूप पांच वर्षो में रुपए का 22 प्रतिशत अवमूल्यन हुआ है। प्रबंधन एल्यूमिनियम का प्राफिट डालर में जोड़ता है, तो कर्मियों का वेज रिवीजन भी अनुपात में करना चाहिए। बेसिक व डीए में 22 से 24 प्रतिशत तथा भत्तों में 55 प्रतिशत की वृद्धि करना था, पर प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। यह कर्मियों के साथ अन्याय है। एटक न तो बैठक में शामिल हुआ और न ही हस्ताक्षर किया। प्रबंधन उनकी मांग पूरी करेगा, तभी समझौता किया जाएगा।- एसके सिंह, महासचिव एटक
राशि में वृद्धि किया जाना चाहिए था
वेतन समझौता में बीएमएस ने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। प्रबंधन ने इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की और अपने प्रस्ताव पर सहमति मांग रही है। संघ ने एएलसी के समक्ष आपत्ति जताते हुए हस्तक्षेप करने पत्र लिखा है। अन्य संगठन से किया गया वेतन समझौता कर्मियों के लिए नुकसान दायक है। राशि में वृद्धि किया जाना था, पर यहां पिछली बार आपेक्षा कम कर दिया गया है।– माखन वर्मा, महासचिव, बीएमएस
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