कई बड़े कारोबारी-डिस्टिलर्स ने जमकर बेची शराब, खुद को बचाने अब बने गवाह
रायपुर, 22 अप्रैल 2024। छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले में दर्ज दूसरी ईसीआईआर में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालयत (ईडी) अब पहले से ज्यादा पुख्ता केस पेश करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक यह केस इसलिए मजबूत हो रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के कई बड़े शराब कारोबारी और डिस्टिलर्स जो कोविड की तीसरी लहर से सिंडीकेट से जुड़ गए थे और शराब का बंपर उत्पादन और वितरण किया, पूरी कहानी का खुलासा अब वे ही कर रहे हैं और खुद को सभी ने इनोसेंट (बेगुनाह) करार दिया है।
सूत्रों के हवाले से यह बात भी आई है कि एक बड़े डिस्टिलरी संचालक ने तो यहां तक कहा है कि उनकी फैक्ट्री सिंडीकेट ही चला रहा था और उन्हें हर महीने पैसे दिए जा रहे थे। यह पैसे डिस्टिलर्स की महीने की औसत कमाई के बराबर थे या उससे कई गुना ज्यादा, सिर्फ यही बात छिपा ली गई है। यही वजह है कि ईडी जिन बड़े अफसरों और कारोबारियों को सिंडीकेट का पार्ट बता रही है, जब-जब उनकी गिरफ्तारी या पूछताछ होती है, दुर्ग संभाग और रायपुर संभाग के बड़े डिस्टिलर्स को भी ईडी पूछताछ के लिए बुला लेती है, ताकि आमने-सामने बयान करवा दिया जाए। यही वजह है कि ईडी ने सिंडीकेट के लोगों और आबकारी अफसरों के अलावा ईओडब्लू में दर्ज करवाई गई एफआईआर में कई बड़े डिस्टिलर्स, शराब कारोबारियों और इस कारोबार से दूसरी तरह से जुड़े लोगों को भी छोड़ा नहीं है, बल्कि आरोपी बना दिया है।
छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में ईडी पूर्व आईएएस अफसर अनिल टुटेजा को सोमवार को कोर्ट से रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी। माना जा रहा है कि रिमांड मिलने के बाद कई डिस्टिलर्स और शराब कारोबारियों को ईडी पूछताछ के लिए तलब करने वाली है। शराब घोटाले की एफआईआर में इस कारोबारी की जिन बड़ी मछलियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें वेलकम डिस्टलरीज, केड़िया डिस्टलरी, भाटिया वाइंस और छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज हैं। सूत्रों के मुताबिक इन डिस्टिलर्स ने तीन साल में बेहिसाब देसी मसाला शराब और अंग्रेजी गोवा शराब बनाई तथा इन्हें छत्तीसगढ़ के मार्केट में सप्लाई किया। जानकार सूत्रों के अनुसार शराब की अफरातफरी ऊंचे अंग्रेजी ब्रांड में नहीं हुई क्योंकि 5 से 8 हजार रुपए में मिलनेवाली बोतलों की न तो उतनी डिमांड है और न ही उनमें उतना मुनाफा है। छत्तीसगढ़ में जितनी शराब सालभर में बिकती है, सूत्रों के मुताबिक उनमें 90 फीसदी से ज्यादा बिक्री देसी मसाला और सस्ते अंग्रेजी पौव्वे जैसे गोवा की है। यहां डिस्टलरियों में इन्हें बनाना सुविधाजनक भी है, इसलिए इनका बंपर उत्पादन किया गया और गांवों में इसी अवैध शराब की नदियां बहा दी गईं। ईडी के केस में जिस सिंडीकेट का जिक्र है, उनमें प्रमुख रूप से अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा का नाम दर्ज किया गया है। इनमें से अनवर और त्रिपाठी को ईडी ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जहां से दोनों जमानत पर थे। एफआईआर के बाद ईओडब्लू ने भी इन दोनों को गिरफ्तार किया, जिनमें से अनवर को जेल भेज दिया गया है। त्रिपाठी अभी रिमांड पर ईओडब्लू के पास हैं।
ईओडब्लू ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को शनिवार को इसी केस के सिलसिले में बयान के लिए बुलाया था। बयान चल ही रहा था कि 5 घंटे बाद समंस लेकर ईडी की टीम ईओडब्लू पहुंच गई और वहां से पूर्व आईएएस को लेकर अपने दफ्तर आ गई। रविवार को पेश करने की वजह से अदालत ने पूर्व आईएएस को एक दिन की ज्यूडीशियल कस्टडी में भेज दिया। सूत्रों के मुताबिक टुटेजा को सोमवार को यानी अब से कुछ घंटे के भीतर कोर्ट में फिर पेश किया जाएगा। जहां से ईडी उन्हें रिमांड पर लेने की अर्जी लगाएगी। इसके बाद ईडी के स्तर पर दूसरी ईसीआईआर की जांच में और तेजी आने की सूचनाएं मिल रही हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ईडी कुछ और बड़े लोगों के खिलाफ एक्शन लेने जा रही है, जिनके नाम नई ईसीआईआर क्रमांक 4-2024 में हैं।
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